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किसानों ने एसडीएम को दिया पराली नहीं जलाने का आश्वाशन फसल अवशेष के लिए किसान अपनाएं फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम - एसडीएम डॉ आनंद कुमार शर्मा आईएएस कहा - पराली न जलाकर बने पर्यावरण मित्र

 ABSLM 19/09/2021 एस• के• मित्तल :

उपमंडल के किसानों को धान की सफल के बाद बचे फसल अवशेष नहीं जलाने से जागरूक करने के लिए एक विशेष बैठक का आयोजन एसडीएम कार्यालय में किया गया। बैठक की अध्यक्षता एसडीएम डॉ आनंद कुमार शर्मा आईएएस ने की। बैठक के दौरान नायाब तहसीलदार रामपाल शर्मा, बीडीपीओ कीर्ति सरोहिवाल, कृषि विभाग एसडीओ सत्यवान आर्य विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में करीब 12 गांवों के मुख्य किसानों ने भाग लिया। बैठक में एसडीएम डॉ आनंद कुमार शर्मा ने कहा कि धान की फसल की कटाई के बाद किसान फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम का लाभ उठाएं। क्योंकि फसल अवशेष जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति पर प्रतिकुल असर पडता है। एसडीएम ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से फसल उत्पादन में काफी अन्तर आता है और साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति भी कमजोर हो जाती है। उन्होंने पराली जलाने से होने वाली दुसरे दुष्प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे भूमि शत्रु कीटों की संख्या बढ़ जाती है और वायु प्रदुषण भी बड़े पैमाने पर होता है ऐसे में मानव को अनेक प्रकार की बीमारियां होने का अंदेशा बना रहता है। पराली जलाने से पर्यावरण प्रदुषण के साथ साथ सभी जीव जन्तुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है वहीँ पराली जलाने से उठे धुंए से दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। किसानों को पराली न जलाकर अपने आप को पर्यावरण मित्र बनने का परिचय देना चाहिए। 


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उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के किसान भी व्यक्तिगत व कस्टम हायरिंग सैंटर श्रेणी में आवेदन कर सकते है। व्यक्तिगत श्रेणी में कृषि यंत्रों को किसानों को 5० प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार से किसानों की सहकारी समिति, पंजीकृत किसान समिति, एफपीओ तथा पंचायत द्वारा कस्टम हायरिंग सैंटर स्थापित करने पर 8० प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। चयन उपरान्त किसान सूचीबद्ध कृषि यंत्र निर्माताओं से मोल- भाव अपनी पंसद के यंत्र निर्माता से खरीद सकते है। कृषि यंत्रों की सूची विभागीय पोर्टल पर डाल दी गई है। बैठक में किसानों ने अपनी समस्याओं को एसडीएम के सामने रखा जिन पर एसडीएम डॉ आनंद कुमार शर्मा ने किसानों को आश्वाशन देते हुए कहा कि उच्च अधिकारीयों को अवगत करा समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करवाया जाएगा।
कृषि विभाग

एसडीओ सत्यवान आर्य ने बताया कि क्षेत्र के रेड जोन के गांव तथा यलो जोन के गांव के इच्छूक किसान ऑनलाईन आवेदन कर सकते है। साथ ही क्षेत्र के सभी गांवों की अनुसूचित जाति के किसान भी व्यक्तिगत एवं कस्टम हायरिंग श्रेणी में आवेदन कर सकते है। इस स्कीम के तहत अनुदान देने के लिए सारी प्रक्रिया का संचालन जिला स्तरीय कमेटी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो किसान स्ट्रा बेलर से बेल बनाकर पराली प्रबंधन करना चाहते है उनकों सरकार द्वारा एक हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान उपलब्ध करवाया जाएगा। 
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तहसीलदार रामपाल शर्मा ने कहा धान की फसल उगाने वाले किसानों से अपील की है कि वे पराली का प्रयोग पशु चारे के रूप में करें। इसकी बिक्री के लिए बहुत से ठेकेदार भी हैं। धान की पराली बेचकर किसान आय का अतिरिक्त साधन भी अपना सकते है। उन्होंने बताया कि बासमती धान की पराली किसान दो से तीन हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदकर और इसका तुड़ा बनाकर राजस्थान समेत अन्य राज्यों में चारा बनाकर भेज सकते है जिससे किसान अच्छा- खासा मुनाफा कमा सकते है। 

फोटो कैप्शन 3.: बैठक की अध्यक्षता एसडीएम डॉ आनंद कुमार शर्मा आईएएस 
फोटो कैप्शन 4.: बैठक के दौरान नायाब तहसीलदार व किसान 

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