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शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीडऩ की बढ़ती घटनाओं के चलते महिलाओं में भारतीय कानून द्वारा दिए गए अधिकारों के प्रति जागरुकता होनी चाहिए


ABSLM भिवानी, 23 जनवरी 2019

शारीरिक, मानसिक और यौन उत्पीडऩ की बढ़ती घटनाओं के चलते महिलाओं में भारतीय कानून द्वारा दिए गए अधिकारों के प्रति जागरुकता होनी चाहिए। ये उद्गार आज सर्वोच्च न्यायालय की अधिवक्ता हिमांजली गौतम ने आदर्श महिला महाविद्यालय में महिला प्रकोष्ठ नवज्योतिके तत्वाधान में महिला अधिकारों को लेकर आयोजित व्याख्यान में कही। अपने व्याख्यान में अधिवक्ता गौतम ने महिला शिक्षा व अधिकार विषय पर न केवल छात्राओं को जागृत किया अपितु उनमें साहस व आत्म विश्वास का भी संचार किया। अधिवक्ता गौतम ने छात्राओं को स्वयं की समस्याओं को सांझा करने पर बल दिया व लड़कियों को स्वावलंबी होने, पुरूषों के समान होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने छात्राओं को जनहित याचिका का सही प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी।
हिमांजली गौतम ने अन्य कानूनी अधिकारों जैसे मुफ्त कानूनी सहायता व शिक्षा कानून, मानव तस्करी कानून, बंधुआ मुक्ति मोर्चा कानून, दहेज प्रथा कानून, भ्रूण हत्या कानून, समान काम समान वेतन अधिकार कानून, पैतृक सम्पति में महिलाओं का समान अधिकार का कानून, मातृत्व लाभ जैसे कानून की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन-शोषण के खिलाफ आवाज बुलन्द करने पर बल दिया और उससे सम्बन्धित कानूनों की जानकारी दी। उन्होंने आई.पी.सी. की धारा 304 बी, 404, 406 आदि की जानकारी से छात्राओं को अवगत करवाया। छात्राओं द्वारा पुछे गए सवालो पर भी उन्होंने बड़े प्रभावी ढंग़ से व्यक्तिगत उदाहरणों और ज्वलंत मुद्दों के साथ छात्राओं की शंकाओं का समाधान किया।
इस मौके पर महासचिव अशोक बुवानीवाला ने मुख्य वक्ता अधिवक्ता हिमांजली गौतम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्य को प्रोफेशन तक ही सीमित नहीं रखा अपितु सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कई संस्थानों में जाकर महिलाओं को जागृत किया। हिमांजली गौतम ने सामाजिक कुरीतियों जैसे दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा व बलात्कार जैसे विषयों पर छात्राओं को उनके अधिकारों के बारे में अवगत करवाया है। वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के प्रधान अधिवक्ता शिवरत्न गुप्ता ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज समाज में सामाजिक संतुलन की आवश्यकता है जिसके लिए हमें कानून की जानकारी के साथ उसका सदुपयोग करना भी जरूरी है जिससे उसका उचित तालमेल समाज में स्थापित हो सके। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. माया यादव ने आये हुये अतिथिगण का धन्यवाद किया और छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि महाविद्यालय में मेन्टोरकक्षाओं का प्रावधान किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य छात्राओं की समस्याओं को सुलझाना है। प्रबंधक समिति की उपाध्यक्ष सुनीता गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुंदरलाल अग्रवाल, अधिवक्ता अशोक गुप्ता, कार्यक्रम संयोजिका व महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. अपर्णा बत्रा सहित अन्य प्राध्यापिकाओं के साथ गैर-शिक्षक वर्ग और छात्राएं उपस्थित रहीं।
               

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