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श्रीमद् भगवत गीता सुप्रीम पावर से तार जोडऩे का एक माध्यम: स्वामी ज्ञानानंद

ABSLM 28/3/2023 एस• के• मित्तल 

सफीदों, श्रीमद् भगवत गीता सुप्रीम पावर परमपिता परमात्मा से तार जोडऩे का एक माध्यम है। उक्त उद्गार गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने प्रकट किए। वे नगर की महाराजा शूरसैनी धर्मशाला में चल रहे दिव्य गीता महोत्सव में श्रभ्द्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भगवत गीता से हमें ज्ञान मिलता है कि हम कैसे शांत और अच्छा जीवन जी पाएं। श्री कृष्ण जी के मुखारबिंद से कहा गया ये ग्रंथ पूजनीय और स्मरण करने योग्य है। हर व्यक्ति को गीता का ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को संतों का सानिध्य प्राप्त करना चाहिए।

जीवन की कामयाबी बेशक किताबों से प्राप्त की जा सकती है, लेकिन अच्छा और सच्चा जीवन जीने के सही तरीके तो संतों के सानिध्य एवं सत्संग में आकर ही पता चलते हैं। ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता जी ने हमें जो मार्गदर्शन दिया है, उसका अनुसरण हमें अपनी जिंदगी में करते रहने चाहिए और अच्छे कर्म करते हुए भक्ति मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए। धर्म को अपने जीवन में रखकर जीव सुख समृद्धि प्राप्त कर सकता है। मगर सांसारिक धन लक्ष्मी से कभी भी शांति नहीं मिलती। उन्होंने सुदामा-कृष्ण की दोस्ती का वर्णन करते हुए कहा कि हर मनुष्य को अपनी यथा शक्ति दूसरों की मदद करनी चाहिए। जीवन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण वस्तु मानसिक शांति है। शांत जीवन जीना चाहते है तो अपने से प्रश्न करें और अपनी ओर देखने का स्वभाव बनाए। अपने को देखना शुरु करेंगे तो मानसिक शांति मिलेगी। हम सभी जीवन में कुछ पाना चाहते है। सभी की इच्छा, आस्था और कामना अलग-अलग हो सकती है, लेकिन गरीब हो या धनवान, किसी जाति या वर्ग से हो, चाहे किसी भी देश से हो या कोई भी पात्र हो सभी जीवन में एक वस्तु अवश्य चाहते है वह है मानसिक शांति। मानसिक शांति हमें भगवत गीता से मिलती है। उन्होंने कहा कि कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध शुरू होने को था तो अर्जुन के विषाद को दूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया।
 
फोटो कैप्शन 28एसएफडीएम4.: श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज।
फोटो कैप्शन 28एसएफडीएम5.: गीता महोत्सव में उपस्थित श्रभ्द्धालुगण।

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