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सरपंचों की तरह मांगों को लेकर जिला पार्षद हुए मुखर जिला पार्षदों ने सरकार के सम्मुख रखी दो दर्जन मांगे

abslm  28/3/2023 एस• के• मित्तल 


सफीदों, सरपंचों की तरह से अब जिला पार्षद भी अपनी मांगों को लेकर मुखर हो गए हैं। जिला पार्षदों ने हरियाणा सरकार के सम्मुख करीब 2 दर्जन मांगे रखी है। सफीदों में पै्रस कांफे्रस को संबोधित करते हुए जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि जोगेंद्र पहलवान, विकास मुआना व वजीर सिल्लाखेड़ी ने कहा कि जिला परिषद पंचायती राज की मुख्य ईकाई है। काफी गांवों के लोग एक जिला परिषद सदस्य को चुनते हैं। उसी के अनुरूप ग्रामीणों की जिला परिषद सदस्यों ने बड़ी अपेक्षाएं भी होती है लेकिन सदस्य उन अपेक्षाओं को पूर्ण करने में असमर्थ साबित होते हैं क्योंकि उन्हे उनके पद के अनुरूप अधिकार प्राप्त नहीं है। उन्होंने बताया कि अधिकारों की मांग व प्राप्ति को लेकर जिला परिषद सदस्यों की भिवानी में आयोजित एक प्रदेश स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है और इस कमेटी का जल्द ही जिला स्तर पर विस्तार किया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग रखी कि सांसद व विधायक की तर्ज पर लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड दिया जाए, जिला पार्षद के वार्ड में स्थापित पीएचसी, सीएचसी व पशु अस्पताल के संचालन की मॉनिटरिंग के लिए मानद अध्यक्ष का दायित्व दिया जाए, प्रमुख, उपप्रमुख, पार्षदों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा दी जाए, जिला स्तर पर जिला प्रमुख की अध्यक्षता में पोंड अथॉरिटी का गठन किया जाए, प्रमुख, उपप्रमुख व पार्षद की कार्यकाल के दौरान मौत होने पर आश्रितों को जीविका योग्य पेंशन दी जाए, मध्यप्रदेश शासन की तर्ज पर जिला स्तर पर पार्षदों की अध्यक्षता में खेल, शिक्षा, कृषि, महिला व बालविकास, निर्माण, उद्योग एवं सहकारिता, उद्यान एवं वन कमेटी का गठन किया जाए, पांच करम की सड़कों का निर्माण कृषि विपणन बोर्ड की बजाए जिला परिषद के माध्यम से किया जाए, चार करम के रास्ते पक्के करने का प्रत्येक पार्षद का प्रत्येक वर्ष 4 किलोमीटर निर्माण का कोटा होना चाहिए, जिला मुख्यालय दूरी पर स्थित होने की वजह से पीडब्ल्यूडी, टूरिजम, इरिगेशन के रेस्ट हाऊस में ठहरने की व्यवस्था की जाए, महिला पार्षदों की सुरक्षा के प्रबंध किए जाए,



जिला पार्षद की प्रोटोकॉल की अधिसूचना जारी की जाए, जिला परिषद ग्रांट का भेदभाव रहित समतामूलक वितरण किया जाए, छोटी ढाणियों में पार्षद कोटे से बिजली पहुंचाने की व्यवस्था होनी चाहिए, मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक जिला पार्षदों को कार्यालय व कंप्यूटर कार्य में दक्ष हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से एक-एक कर्मचारी दिए जाए, 2015 के माध्यम से ग्रामीण गौशालाओं में प्रदान की जाने वाली राशि जिला पार्षदों के माध्यम से प्रदान की जाए, किसी भी कार्य के लिए सरपंच के प्रताव की बाध्यता खत्म होनी चाहिए, एक लाख गरीब आवास योजना के लाभार्थियों की पहचान जिला पार्षद के माध्यम से करवाई जाए, चेयरमैन, वाईस चेयरमैन व पार्षदों के लिए हरियाणा के टोल फ्री किए जाएं, जिला पार्षदों का वेतन सम्मानजनक होना चाहिए, जिला परिषद के चेयरमैन का प्रोटोकाल नगर निगम के मेयर के समान होना चाहिए, वार्ड में विकासात्मक कार्य की मॉनिटरिंग व जनता की समस्या के समाधान हेतु प्रत्येक जिला पार्षद को 1500 लीटर पेट्रोल यात्रा भत्ता दिया जाए, वार्ड में प्रत्येक निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पार्षद को कार्यकारी शक्तियां प्रदान की जानी चाहिए, आपातकाल स्थिति में किसी जरूरतमंद को 50000 रूपए तक की आर्थिक मदद चेयरमैन द्वारा प्रदान करने का अधिकार दिया जाए, पांच लाख की सीमा की वजह से जिला परिषद में आई तकनीकी जटिलताओं को दूर किया जाए। उन्होंने मांग रखी कि जिला पार्षद भी 8 से 10 गांवों से चुनकर आते है उन्हें भी विधायक की तर्ज पर 3 करोड़ सालाना ग्रांट मिलनी चाहिए। उन्होंने साफ किया गया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया जो वे आंदोलनरत्त होने को मजबूर होंगे।
 
फोटो कैप्शन 28एसएफडीएम1.: पै्रस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए जिला पार्षदगण।

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