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चौधरी देवीलाल मॉडल रूरल डेवलपमेंट विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी

25 सितम्बर 2017 सिरसा। चौधरी देवीलाल के विचारों की प्रासंगिकता वर्तमान में विद्यमान है। लोगों से जुड़कर व अनुभव से उन्होंने जो ज्ञान हासिल किया उसकी वजह से उनके अन्दर प्रशासकीय दक्षता विकसित हुई। कृषि व ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय रहा। ये विचार चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के लोकप्रशासन विभाग द्वारा चौधरी देवीलाल मॉडल रूरल डेवलपमेंट विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो0 रणबीर सिंह ने अपने उद्घाटनीय संबोधन में व्यक्त किये उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल का हरियाणा के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सोमपाल शास्त्री ने मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि चौधरी देवीलाल न्याय व त्याय की मूर्ति थी और राष्ट्र के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदार रहा है। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल का ग्रामीण विकास का मॉडल संकुचित न होकर खुलेपन का परिचायक था और इसमें स्थिति व आवश्यकतानुसार संशोधन किया जाता था। उन्होंने अनेक आकड़ों का प्रस्तुतिकरण देकर भारत की वास्तविक विकास दर पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत की 62 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है और 52 प्रतिशत रोजगार कृषि पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सेना के अन्दर भी ग्रामीण परिवेश के लोगों की भागीदारी सर्वाधिक है। उन्होंने चौधरी देवीलाल जी द्वारा युवाओं किसानों व महीला उत्थान के कार्यो के बारे में विस्तृत जानकारी प्रतिभागियों को दी। उन्होंने कहा कि उन द्वारा स्थापित की गई सामाजिक न्याय की अवधारणा के तहत बुढ़ापा पेंशन आज भी हरियाणा के लोगों की दी जा रही है। इसके उपरान्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 विजय कायत ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि चौधरी देवीलाल द्वारा प्रतिपादित किये गये विकास मॉडलों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह राष्ट्रीय संगोष्ठी मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संगोष्ठी के माध्यम से लोगों को पता चलेगा कि किस प्रकार चौधरी देवीलाल ने राजीनति को संसद से चौपाल तक लाने में भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा कि वे एक व्यावहारिक दार्शनिक थे। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों को जमींदारी प्रथा से मुक्त कराने का श्रेय भी चौधरी देवीलाल जी को जाता है। उन्होंने कहा कि चौधरी देवीलाल ने पंचायतों को शसक्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इसके उपरान्त भिवानी बोडे के पूर्व अध्यक्ष डा0 राजाराम ने चौधरी देवीलाल जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और अनेक जीवन्त उदाहरण प्रतिभागियों को दिये। हरियाणा के पूर्व लोकपाल जसटिस प्रीतमपाल ने कहा कि चौधरी देवीलाल एक महान राजनेता थे और राष्ट्र विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। युवा पीढ़ी को उन द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलकर राष्ट्रीय विकास में अपना योगदान सुनिश्चित करना चाहिए। इससे पूर्व इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन मॉ सरस्वती व जननायक चौधरी देवीलाल जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके विधिवत रूप से किया गया। इसके उपरान्त जननायक चौधरी देवीलाल जी के ऊपर एक लघु फिल्म भी प्रतिभागियों को दिखाई गई। सामाजिक विज्ञान संकाय के प्रो0 विष्णु भगवान ने मुख्यअतिथि व बाहर से आये हुए मेहमानों का स्वागत किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी इस संगोष्ठी के कंवीनर प्रो0 राजकुमार सिवाच ने दी। आये हुए मेहमानों का धन्यवाद संगोष्ठी के आयोजक सचिव डा0 सत्यवान व डा0 सुल्तान सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अतिरिक्त देश भर से शिक्षकों शोधार्थियों व विभिन्न महाविद्यालयों के प्रोचार्यो ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।

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