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abslm 4/08/2020 त्रिलोकी नाथ मिश्राअहमदाबाद गुजरात 


जनहित के कथाकार के प्रेमचंद, गांधीनगर, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजीव कुमार दुबे ने कहा कि कथा सम्राट प्रेमचंद जनहित के कथाकार थे। प्रेमचंद ने अपने पहले कथा संग्रह सोजे वतन के बारे में सरस्वती के संपादक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी को सूचित करते हुए लिखा था कि यह पुस्तक जनहित के लिए लिखी गई है। प्रोफेसर दुबे ने कहा कि प्रेमचंद ने अपनी कथा साहित्य के माध्यम से जन शिक्षण के दायित्व का निर्वहन करते हुए हिंदी नवजागरण में भारतेंदु हरिश्चंद्र की भूमिका और उद्देश्य को आगे बढ़ाया।उन्होंने अपनी कथा साहित्य में समाज की आधार इकाई स्त्री पुरुष के पारस्परिक संबंध के विशेषण पर सर्वाधिक बल दिया।वे मानते थे कि स्त्री-पुरुष के समानता और परस्पर कुरूपता पर आधारित स्वस्थ संबंध से ही नए समाज की पूर्ण रचना की जा सकती है।प्रोफेसर दुबे ने राजस्थान के मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की ओर से आयोजित ऑनलाइन प्रेमचंद जयंती संवाद कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए यह बात कही।उन्होंने कहा कि प्रेमचंद समाज को आइना दिखाना चाहते थे ताकि प्रत्येक व्यक्ति अपने में सुधार कर सकें। महात्मा गांधी से बीवी बहुत प्रभावित थे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सीमा मलिक ने प्रेमचंद की कहानी ईदगाह का उदाहरण देते हुए हमीद के चिमटे को याद किया। उन्होंने कहा प्रेमचंद मानवीय सरोकारों के लेखक हैं। कार्यक्रम की संयोजक डॉ नीतू परिहार ने प्रेमचंद की अनेक कहानियों के उदाहरण देते हुए प्रेमचंद की विशिष्टता को रेखांकित किया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में संकाय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर हेमंत त्रिवेदी विभाग के प्रभारी डॉ आशीष सिसोदिया उपस्थित थे। इस ऑनलाइन में कार्यक्रम में हिंदी विभाग ने प्रेमचंद को याद किया गया जिसमें बड़ी संख्या में प्राध्यापक शोधार्थी और विद्यार्थी जुड़े। 


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