abslm 15/4/2024 एस• के• मित्तल
आयोजक समिति आए हुए अतिथियों का अभिनंदन किया। इस अवसर पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतीमा पर पुष्प अर्पित करके उनको नमन किया गया। अपने संबोधन शिक्षाविद् नरेश सिंह बराड़ ने कहा कि डा. भीमराव अंबेडकर गरीबों, किसानों, महिलाओं और मजदूरों के सच्चे मसीहा थे। उन्होंने समाज में फैली ऊंच-नीच, छूआछूत, जात-पात तथा वर्ग व्यवस्था के खिलाफ आजीवन आवाज उठाई। डा. अम्बेडकर ने शिक्षा के प्रबल समर्थक थे। उनका मानना था कि शिक्षा ही इंसान को आत्मनिर्भर बना सकती है। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव अंबेडकर ने समाज में समानता को बढ़ावा दिया और भारत के संविधान का निर्माण करके सभी को उनके हक प्रदान किए। बाबा साहेब द्वारा संविधान में निर्मित कानूनों के कारण ही खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। हम सब डा. अंबेडकर के दिखाए हुए रास्ते पर चलकर ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर ने जाति प्रथा का पूर्ण रूप से उन्मूलन कर इंसानियत की नींव रखी। आज हम सबको डा. अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
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