abslm 27/08/2025
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की जनता से ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ का वादा किया गया था लेकिन इसके विपरित मोदी सरकार द्वारा भारत को फाइव स्लैब टैक्स रिजीम की व्यवस्था मिली, जिसमें 900 से अधिक बार संशोधन किया गया है। यहां तक कि कारमेल पॉपकॉर्न और क्रीम बन भी इसके भ्रम के जाल में फंस गए हैं। उन्होंने कहा कि नौकरशाही की भूलभुलैया बड़े कॉरपोरेट्स के पक्ष में है, जो एकाउंटेंट की सेना के साथ इसकी खामियों को दूर कर सकते हैं, जबकि छोटे दुकानदार, एमएसएमई और आम व्यापारी लालफीताशाही में डूबे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी पोर्टल लागू होने के 8 साल बाद भी उत्पीडऩ का स्रोत बना हुआ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि जीएसटी कांग्रेस नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती यूपीए सरकार का एक विजनरी आइडिया था। इसका उद्देश्य भारत के बाजारों को एकीकृत करना और टैक्सेसन को सरल बनाना था ताकि छोटे दुकानदार से लेकर किसान तक हर भारतीय हमारे देश की प्रगति में स्टेकहोल्डर बन सके। मगर मोदी सरकार ने इसे पूरी तरह खराब कर दिया। एक रिफॉर्म जीएसटी को पिपुल फस्र्ट, बिजनेस फ्रेंडली और सही मायने में संघीय भावना वाला होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसे टैक्स सिस्टम का हकदार है जो सभी के लिए काम करे, न कि मोदी जी के कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों के लिए। उन्होंने कहा कि देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 8 साल पहले ही जीएसटी की सिर्फ दो दरें तय करने का सुझाव दिया था, लेकिन सत्ता के अहंकारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे नजरअंदाज कर गलत तरीके से लागू किया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जीएसटी रिफार्म के नाम पर मजबूरी में वहीं कदम उठा रही है, जिसे पहले ही कांग्रेस ने सुझाया था। उन्होंने कहा कि सरकार के पास अब भी वक्त है कि अपने अहंकार का त्यागकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से चर्चा करें और उनके सुझावों के आधार पर जीएसटी को सरल बनाऐं ताकि देश की सुस्त पड़ी आर्थिक प्रगति को गति दी जाएं।
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