abslm 1/11/2025
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने पर साधक को सुख, सौभाग्य, धन-वैभव आदि सारे सुख प्राप्त होते हैं तथा इससे पूर्व और वर्तमान जन्म के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और वह संसार के सभी सुखों का आनंद लेता हैं। ये शब्द लाॅयन्स क्लब सिरसा अमर के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रमेश साहुवाला ने स्थानीय कोर्ट कॉलोनी में भक्तों को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और फिर सृष्टि का कार्य संभालते हैं तथा इस दिन से देश में शुभ कार्यों की शुरुआत होती हैं और घर-घर में मांगलिक ध्वनियां सुनाई देने लगती हैं और तुलसी विवाह भी इसी दिन, यानी देवउठनी एकादशी पर किया जाता हैं।
श्री साहुवाला ने कहा देवउठनी एकादशी चातुर्मास के अंत और आशा एवं समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक हैं तथा यह दिन भक्ति, नवीनीकरण और कृतज्ञता पर जोर देता हैं। उन्होंने कहा इस दिन से हिंदू नए उद्यम शुरू करना, विवाह करना और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित करना शुभ मानते हैं तथा यह एक ऐसा त्योहार हैं जो हमें दिव्य नवीनीकरण और विश्वास की शाश्वत लय की खूबसूरती की याद दिलाता हैं।श्री साहुवाला ने कहा भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी पर जागते हैं, तो यह ब्रह्मांडीय व्यवस्था के भव्य पुनर्जागरण का प्रतीक हैं तथा भगवान सृष्टि के पालनहार और रक्षक के रूप में अपनी भूमिका पुनः शुरू करते हैं और संसार में नई ऊर्जा, सकारात्मकता और आध्यात्मिक संतुलन का संचार करते हैं और दिव्य जागरण के इस क्षण को दुनिया भर के भक्त अपार भक्ति और आनंद के साथ मनाते हैं। उन्होंने कहा इस व्रत का श्रद्धा पूर्वक पालन करने से भक्तों को महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और व्यक्तिगत लाभ प्राप्त होता हैं तथा जिससे मन और आत्मा शुद्ध होती हैं तथा भगवान विष्णु का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता हैं। उन्होंने कहा दिन साधक जप-तप और संकीर्तन करके भक्ति गतिविधियों में अधिक गहराई से संलग्न हो सकता है, जिससे ईश्वर के साथ उसका संबंध और अधिक मजबूत हो जाता हैं तथा घर में सुख-समृद्धि, धन-संपदा और सफलता तथा शांति प्राप्त होती हैं।
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