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शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये


abslm 14 अगस्त 2018 

मंगलवार लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवासने चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालयसिरसा के साथ शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये।लुवास में आयोजित इस कार्यक्रम में लुवास के अनुसंधान निदेशक डॉप्रवीन गोयल  सी.डी.एल.यूविश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोडॉअसीम मिगलानी ने हस्ताक्षर किये।इस सहमति पत्र कार्यक्रम का आयोजन लुवासके मानव संसाधन विकास निदेशालय द्वारा किया गया। 
इस अवसर पर लुवास के स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉजगतबीर फोगाटमानव संसाधन विकास प्रबंधन निदेशिका डॉनिर्मल सांगवानअधिष्ठाता पशुचिकित्सा महाविद्यालय डॉदिवाकर शर्मा.एस.डीडॉप्रदीप बामलडॉ.अशोक कुमार विभागाध्यक्षडॉअशोक मलिक  सी.डी.एल.यू विश्वविद्यालय की और से अनुसंधान अधिष्ठाता प्रोसुरेश कुमार गेहलावत उपस्थित थे।इस समझौते के उपरांत लुवास  सी.डी.एल.यू में स्नातकोत्तर शिक्षा केछात्र तथा वैज्ञानिक एक दूसरे के संस्थान में उपलब्ध विभिन्न नवीनतम वैज्ञानिक उपकरणों  वैज्ञानिक जानकारियों का निशुल्क फायदा उठा सकेंगे।   
चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालयसिरसा के कुलसचिव ने इस मौके पर कहा कि सी.डी.एल.यू विश्वविद्यालयने जैव प्रौद्योगिकीखाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकीपर्यावरण विज्ञानरसायन शास्त्रभौतिकीकंप्यूटर विज्ञानइत्यादि के क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए एक अद्वितीय सुविधा विकसित की है।इस समझौते के बाद इन दोनो विश्वविद्यालयों में मौजूद नवीनतम तकनीक का प्रयोग विश्वविद्यालयों द्वारा शोध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कियाजायेगा। 
इस अवसर पर लुवास के अनुसंधान निदेशक डॉप्रवीन गोयल ने बताया कि लुवास स्थित विभिन्न विभागों में डेयरी विज्ञान से संबंधित विशेष सुविधाएं एवं विशेषज्ञय उपलब्ध हैं और भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में दोनोंविश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक संयुक्त परियोजनाओं पर कार्य करेंगे और उन्होनें खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस सहमति पत्र से दोनों विश्वविद्यालयों में उपलब्ध विशेष तकनीकी सुविधाओं का प्रयोग विद्यार्थी कर सकेंगे औरइस से छात्र  वैज्ञानिक स्तर पर अनुसंधान के क्षेत्र में गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
अंत में लुवास की मानव संसाधन विकास प्रबंधन निदेशिका डॉनिर्मल सांगवान ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस सहमति पत्र से दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य प्राध्यापकों और छात्रों के अकादमी अनुभवों का आदान-प्रदान की बेहतर समझ के लिए एक खिडक़ी खुल जाएगी। 


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