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20 दिनों तक भूख हड़ताल पर बैठने वाले जरनैल बराड़ ने सर्वोच्च न्यायालय सहित विभिन्न राजनीतिक दलों व किसान संगठनों को लिखा पत्र

कहा : इन दलों के नेताओं से लिखित में लिया जाए शपथपत्र, नहीं देने पर दर्ज किए जाए मुकद्में

संवाद न्यूज एजेंसी।
ऐलनाबाद, 26 दिसम्बर2020 (अजय भार्गव)


कृषि कानूनों और दस एकड़ तक के किसानों को एमएसपी गारंटी कानून के तहत लाने के लिए 20 दिनों तक भूख हड़ताल पर रहने वाले जरनैल सिंह बराड़ ने शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश और किसान आंदोलन का संचालन कर रहे विभिन्न किसान संगठनों एवं आंदोलन का समर्थन कर राजनीतिक दलों के नेताओं के नाम एक पत्र लिखा।
उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि पिछले 31 दिनों से देश की राजधानी का धेराव कर कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर धरने बैठे विभिन्न राजनीतिक दलों और किसान संगठनों के नेताओं द्वारा किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। जिसके चलते भोले भाले किसान कड़ाके की जमा देने वाली ठण्ड में अपनी मांगों पर अड़े हुए है। उन्होंने लिखा है कि किसान संगठनों एवं राजनीतिक दलों के नेताओं को एक शपथपत्र देना चाहिए, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। वे किसानों की जिन मांगों का समर्थन कर रहे है, वे अंतर्राष्ट्रीय संधियों एवं देश वर्तमान आर्थिक सर्मथा में पूरी की भी जा सकती है, या नहीं। वे इस बात का भी शपथपत्र दे कि यदि भविष्य में उनकी सरकार बनती है, तो वे इन मांगों को इसी रूप में लागू करेंगे। यदि वे इन मांगों को इसी रूप में लागू नहीं करते तो देश को गुमराह करने, विश्व में देश की छवि को नुकसान पहुंचाने, करोड़ों लोगों को कष्ट में डालने, देश का हजारों करोड़ रूपयों का आर्थिक नुकसान करने, किसान आंदोलन के चलते जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उनकी हत्या करने का मुकद्मा उन पर दर्ज किया जाए। देश में अव्यवस्था एवं गतिरोध पैदा करने के लिए हमें जिम्मेवार मानकर हम पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने पत्र में लिखा है कि यदि संगठनों और राजनीतिक दलों के नेता ऐसा शपथपत्र नहीं देते है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि ये लोग अपने तुच्छ राजनीतिक हित के लिए झूठ बोलकर किसानों गुमराह कर रहे है और बरगला रहे है। जिस कारण पूरा देश एक संकट और गतिरोध में फंसा हुआ है। वहीं इन नेताओं के झूठे समर्थन के चलते भोले भाले किसान अपनी अव्यवहारिक मांगों को सच मानकर कड़ाके की ठण्ड में मुसीबते झेल रहे और देश संकट को झेल रहा है।
    ऐसा ही एक पत्र उन्होंने सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश को लिखकर सर्वाेच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश से देश में पैदा हुए इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं और किसान संगठनों के नेताओं से ऐसा शपथपत्र लेने की मांग की है। यदि ये लोग ऐसा लिखित शपथपत्र नहीं देते है तो इन लोगों के खिलाफ भोले भाले किसानों को गुमराह करने, देश को अनचाहे संकट में फंसाने और किसान आंदोलन के चलते मारे जाने वाले लोगों की हत्या एवं देश को करोड़ों रूपयों का नुकसान पहुंचाने के जुर्म में इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। 

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