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अनैतिक कार्यों में गौरखधंधा शब्द का प्रयोग बंद हो। नाथ समाज ने पीएम मोदी के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन।

abslm 23/07/2021 एस• के• मित्तल सफीदों : 

अनैतिक कार्यों में गौरखधंधा शब्द का प्रयोग व प्रकाशन बंद करवाने की मांग को लेकर जोगी-योगी नाथ समाज हरियाणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन एसडीएम डा. आनंद कुमार शर्मा को सौंपा। ज्ञापन देने आए योगी दीपक चौहान, गजे सिंह पुण्डीर, राजकुमार जोगी, राममेहर जोगी, राकेश योगी, कृष्ण जोगी, अनिल, वीरेंद्र, प्रेम, सतबीर, महाबीर, सत्यवान, राजिंद्र योगी, जयभगवान, रिंकु जोगी व समाज के अन्य लोगों का कहना था कि देश की धार्मिक मान्यताओं और इतिहास में सर्वविदित है कि नाथ संप्रदाय दुनिया की सबसे प्राचीन संस्कृति का मूल तत्व है। भगवान शिव को नाथ संप्रदाय का पहला नाथ यानी आदिनाथ माना गया है।

 नाथ संप्रदाय ने आदिकाल से दुनिया को मानवता व योग का रास्ता दिखाया है। गुरु गोरखनाथ ने रसशास्त्र व गौरखकीमिया की रचना की। नेपाल के अंदर गुरु गोरखनाथ को राजगुरु का दर्जा प्राप्त है और उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ का प्राचीन भव्य मंदिर है। देश में रहने वाले 15 करोड़ नाथ संप्रदाय के लोगों ने देश की संस्कृति रक्षा के लिए सदैव अतुलनीय योगदान दिया है। महायोगी गुरु गौरखनाथ की अद्भुत रचनाएं, ज्ञान और विद्याएं ही गोरखधंधा है लेकिन अब आधुनिकता के इस दौर में एक बड़ी विडंबना है कि कुछ नासमझ लोग व मीडिया गोरखधंधा शब्द का सही जानकारी व ज्ञान ना होने की वजह से गलत प्रयोग करते हैं। किसी भी असामाजिक कार्य, छल-कपट व धोखाधड़ी से जुड़े कारनामों को गोरखधंधा की संज्ञा देकर मीडिया के द्वारा प्रचार-प्रसार किया जाने लगा है। इस शब्द के गलत प्रयोग होने की वजह से शिव अवतारी गुरु गोरखनाथ को अपना आराध्य मानने वाले नाथ संप्रदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि नाथ संप्रदाय की धार्मिक मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए हमारे धार्मिक अधिकारों की संविधानिक रूप से सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, सख्त कानून बनाकर गोरखधंधा शब्द के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए तथा प्रयोग करने वाले लोगों पर खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया जाए।

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