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वैश्य एक समुदाय नहीं संस्कृति है जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति सिखाई है - प्रवीन मित्तल

 ABSLM  6/12/2021 एस• के• मित्तल 



  

सफीदों:  बल्लभगढ़ में 26 दिसम्बर आयोजित होने वाला अग्रवाल वैश्य समाज का 13वां वार्षिकोत्सव ऐतिहासिक होगा। यह बात अग्रवाल वैश्य समाज सफीदों के अध्यक्ष प्रवीन मित्तल ने कही। उन्होंने कहा कि इस समारोह की अध्यक्षता प्रदेशाध्यक्ष अशोक बुवानीवाला करेंगे। इसी समारोह में संगठन के संविधान अनुसार प्रदेशाध्यक्ष व महासचिव पद का नए सत्र के लिए नियमानुसार द्विवार्षिक चुनाव भी किया जाएगा। जिसमें चुनाव अधिकारी अधिवक्ता एम.पी. जैन होंगे। इसके अलावा इस उत्सव में दो वर्षों में उत्कर्ष कार्य करने वाले समाजसेवियों को भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अग्रवाल वैश्य समाज अग्रवाल समाज को संगठित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। 


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दुनियाभर में 220 मिलियन की आबादी वाले वैश्य समाज का देश के हर कार्य में बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतवर्ष में जो व्यापार हो रहा है, उसका लगभग 80 फीसदी व्यापार वैश्य समाज चला रहा है। वैश्य समाज के लोग पहले राजनीति में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। जब से देश आजाद हुआ है, करीब 80 सांसद इस समाज से आते थे। राजनीति के नैतिक पतन के कारण ही वैश्य समाज ने अपने आप राजनीति से किनारा किया। वैश्य समाज इतना मजबूत है कि राजनीति की दशा और दिशा तय करता है। देश की आजादी में वैश्य समाज से ही महात्मा गांधी व लाला लाजपत राय का विशेष योगदान रहा। वैश्य केवल एक समुदाय नहीं, बल्कि एक संस्कति है। जिसने दुनिया को सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति दोनों सिखाई है। 

फोटो कैप्शन 5.: अग्रवाल वैश्य समाज के अध्यक्ष प्रवीन मित्तल। 

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