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लोकशैलिया हमारी धरोहर है

सिरसा 26.10.2017- 

लोकशैलिया हमारी धरोहर है और आधुनिक एवम् पांरम्परिक जनमाध्यमों का सयुंक्त रूप से प्रयोग करके इस धरोहर को सजोकर रखा जा सकता है। पत्रकारिता के क्षेत्र में नित नए प्रयोग हो रहे है और इन प्रयोगो से विद्यार्थियोें को नवीनतम ज्ञान मिलता है। 
 ये विचार गुरू जम्मवेश्वर विज्ञान एवम् तकनीक विश्वविद्यालय, हिसार के प्रो० महीर रजंन पात्रा ने चौ0 देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के पत्रकारिता एवं जनंसचार विभाग के विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। विभाग द्वारा आयोजित विस्तार व्याख्यान के दौरान प्रो0 पात्रा ने कहा कि विभिन्न धर्मों द्वारा अपने धर्म, संस्कृति व मनोंरजन के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए लोकशैलिया विकसित कि गई थी। अनेक शासको द्वारा सामाजिक संदेश देने व संस्कृति के विकास के उदेश्य से लोकशेैलियों का बढचढकर प्रयोग किया जाता था। लेकिन वर्तमान में ये लोकशैलिया लुप्त होती जा रही है। इनके मूल्यों को संजोकर रखने में पत्रकारिता के विद्यार्थियों को आगे आना होगा। विद्याार्थियों से उन्होने आहावान किया कि वे विभिन्न लोकशैलियों पर लघु फिल्म या पोस्टर आदि बनाकर सोशल मीडिया पर अधिक से अधिक सांझा करें। ताकि युवा पीढी को भारतीय संस्कृति व इसके मूल्यों से अवगत करवाया जा सके। उन्होनें कठपुतली व नुक्कड नाटक के विभिन्न पक्षों पर भी प्रकाश डाला। विभाग के ईंचार्ज डाँ० सेवा सिंह बाजवा ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया जबकि विभाग के प्राध्यापक डाँ० अमित सांगवान ने विभाग कि तरफ से धन्यावाद किया। इस अवसर पर डाँ० रविन्द्र, डाँ० कृष्ण, श्री राममेहर, श्री विकास, डाँ० टीमसी मैहता, श्रीमति रजनी,श्रीेमति पूनम यादव, रोहताश कुमार, बलविन्द्र, अतुल, दर्शन, भूपसिंह, आादि उपस्थित थे। 

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