abslm 26-07-2018
भारत सरकार ने 2018-19 में समग्र शिक्षा- स्कूली शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना लांच की। यह स्कूल पूर्व से 12वीं कक्षा तक स्कूल शिक्षा क्षेत्र के लिए महत्वकांक्षी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य स्कूल शिक्षा के सभी स्तरों पर समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्ता शिक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना में स्कूल की परिकल्पना निरंतरता के रूप में की गई है। पूर्व प्राइमरी, अपर प्राइमरी, माध्यमिक से उच्च माध्यमिक को स्कूल माना गया है और इसमें पहले की केंद्र की प्रायोजित योजनाएं – सर्व शिक्षा अभियान(एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) तथा शिक्षक शिक्षा (टीई) – शामिल हैं।
योजना का एक प्रमुख उद्देश्य स्कूल शिक्षा के सभी स्तरों पर लैंगिक और सामाजिक खाई को पाटना है। योजना की पहुंच अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और बच्चों तक है। योजना में शहरी वंचित बच्चों, समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से प्रभावित बच्चों तथा दूरदराज और छिटपुट आबादियों में रहने वाले बच्चों पर भी ध्यान दिया गया है।
समग्र शिक्षा योजना ग्रामीण क्षेत्रों सहित राज्यों को स्कूल अवसंरचना मजबूत बनाने में समर्थन देती है। योजना में शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) द्वारा अंतर आधार पर निर्धारित वर्तमान स्कूलों की अवसंरचना को मजबूत बनाने का प्रावधान है। इसमें संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से मिले प्रस्ताव भी शामिल हैं। योजना में वर्तमान स्कूल भवनों, शौचालयों तथा स्कूल अवसंरचना को उन्नत बनाए रखने के लिए अन्य सुविधाओं के वार्षिक रखरखाव और मरम्मत का भी प्रावधान है।
वर्ष 2001 में केंद्र प्रायोजित योजना, सर्वशिक्षा अभियान के प्रारंभ होने से 31.03.2018 तक 3.2 लाख स्कूल भवन, 18.87 लाख अतिरिक्त क्लास रूम, 2.42 लाख पेयजल सुविधा का प्रावधान, लड़कों के लिए 3.95 लाख शौचालय, लड़कियों के लिए 5.8 लाख शौचालय तथा 1.41 लाख सीडब्ल्यूएसएन शौचालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्वीकृत किए गए है। इसमें से राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने 2.94 लाख स्कूल निर्माण, 18.3 लाख अतिरिक्त क्लास रूम निर्माण, 2.35 लाख पेयजल सुविधा, लड़कों के लिए 3.76 लाख शौचालय, लड़कियों के लिए 5.07 लाख शौचालय तथा 1.21 लाख सीडब्ल्यूएसएन शौचालयों के निर्माण की जानकारी दी है।
यह जानकारी मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
भारत सरकार ने 2018-19 में समग्र शिक्षा- स्कूली शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना लांच की। यह स्कूल पूर्व से 12वीं कक्षा तक स्कूल शिक्षा क्षेत्र के लिए महत्वकांक्षी कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य स्कूल शिक्षा के सभी स्तरों पर समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्ता शिक्षा सुनिश्चित करना है। इस योजना में स्कूल की परिकल्पना निरंतरता के रूप में की गई है। पूर्व प्राइमरी, अपर प्राइमरी, माध्यमिक से उच्च माध्यमिक को स्कूल माना गया है और इसमें पहले की केंद्र की प्रायोजित योजनाएं – सर्व शिक्षा अभियान(एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) तथा शिक्षक शिक्षा (टीई) – शामिल हैं।
योजना का एक प्रमुख उद्देश्य स्कूल शिक्षा के सभी स्तरों पर लैंगिक और सामाजिक खाई को पाटना है। योजना की पहुंच अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों और बच्चों तक है। योजना में शहरी वंचित बच्चों, समय-समय पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से प्रभावित बच्चों तथा दूरदराज और छिटपुट आबादियों में रहने वाले बच्चों पर भी ध्यान दिया गया है।
समग्र शिक्षा योजना ग्रामीण क्षेत्रों सहित राज्यों को स्कूल अवसंरचना मजबूत बनाने में समर्थन देती है। योजना में शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई) द्वारा अंतर आधार पर निर्धारित वर्तमान स्कूलों की अवसंरचना को मजबूत बनाने का प्रावधान है। इसमें संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से मिले प्रस्ताव भी शामिल हैं। योजना में वर्तमान स्कूल भवनों, शौचालयों तथा स्कूल अवसंरचना को उन्नत बनाए रखने के लिए अन्य सुविधाओं के वार्षिक रखरखाव और मरम्मत का भी प्रावधान है।
वर्ष 2001 में केंद्र प्रायोजित योजना, सर्वशिक्षा अभियान के प्रारंभ होने से 31.03.2018 तक 3.2 लाख स्कूल भवन, 18.87 लाख अतिरिक्त क्लास रूम, 2.42 लाख पेयजल सुविधा का प्रावधान, लड़कों के लिए 3.95 लाख शौचालय, लड़कियों के लिए 5.8 लाख शौचालय तथा 1.41 लाख सीडब्ल्यूएसएन शौचालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्वीकृत किए गए है। इसमें से राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने 2.94 लाख स्कूल निर्माण, 18.3 लाख अतिरिक्त क्लास रूम निर्माण, 2.35 लाख पेयजल सुविधा, लड़कों के लिए 3.76 लाख शौचालय, लड़कियों के लिए 5.07 लाख शौचालय तथा 1.21 लाख सीडब्ल्यूएसएन शौचालयों के निर्माण की जानकारी दी है।
यह जानकारी मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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