abslm 20-10-2018
पांच दिन
दिल्ली में चला विश्व सिनेमा का मेला, ५८देशों
की १९४ फ़िल्में हैं दिखाई गई
श्वेता मेनन
बेस्ट अभिनेत्री, दलेर मेहँदी
और हंस राज हंस को दिया गया मीनारे दिल्ली अवार्ड, कई विशेष फिल्म पुरस्कार भी दिए गए
करीब एक सप्ताह चले सातवें दिल्ली इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल २०१८
का आज समापन हो गया .१४ से १८ अक्टूबर तक चलने वाले सातवें दिल्ली इन्टरनेशनल
फिल्म फेस्टिवल में इस बार ५८ देशों की करीब १९४ फ़िल्में दिखाई गई . दिल्ली इन्टरनेशनल
फिल्म फेस्टिवल का आयोजन द सोशल सर्किल द्वारा एनडीएमसी के सहयोग से किया जाता है.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा स्वीकृत इस फिल्म फेस्टिवल में पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, फिल्म बंधू उत्तर प्रदेश और
झारखण्ड प्रदेश सहयोगी हैं और इसका आयोजन एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में किया गया .
फेस्टिवल की ओपनिग फिल्म ट्युनिसिया के जाने माने निर्देशक नासेर खेमिर की ‘विस्प्रिंग
सेंड्स” को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड दिया गया और
भारतीय खंड में शामिल फिल्म नेवेल द ज्वेल के लिए अभिनेत्री श्वेता मेनन को बेस्ट
अभिनेत्री का अवार्ड दिया गया . इस मौके पर मशहूर गायक दलेर मेहँदी को भी फेस्टिवल
का सबसे बड़ा पुरस्कार मीनार ए दिल्ली दिया गया इस बार तुनीसिया फेस्टिवल का
ओपनिंग स्पेशल कंट्री पार्टनर और इंडोनेशिया क्लोजिंग अवार्ड समारोह का स्पेशल
पार्टनर थे . इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको और
सीरिया कंट्री पार्टनर्स थे .
सातवें दिल्ली इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस बार ७५ देशों से
करीब ६०० फ़िल्में आई जिनमे से ५८ देशों की १९४ फ़िल्में दिखाई गई . इमने कम्पटीशन
खंड में करीब ४० फ़िल्में शामिल हुई . इस बार भारतीय सिनेमा खंड में जो फ़िल्में
शामिल की गई हैं उनमे श्वेता मेनन और आदिल हुसैन की ‘द
नेवेल ज्वेल’, स्वरा भास्कर की ‘सुसाइड
कम्पनी डॉट कॉम,’ मुग्धा गोडसे की ‘दृष्टी’, विजय राज की ‘फेररोउस’ जैसे फ़िल्में हैं. इनके साथ ही कश्मीर पर बनी कुल गोव गारेम, रुपेश कुमार सिकंद की अनफिट, छोटी उम्र में
अनजाने विवाह पर बनी भूमि, किराए के मकान की दिक्कतों
को दिखाती ‘टूलेट’ और सेनेटरी पैड की लड़ाई लडती एक छोटी बच्ची की
कहानी पर आधारित ‘टू लेट’ ने दर्शकों का धयान खूब खींचा .
फेस्टिवल में इस बार पांच देश विशेष रूप से शामिल थे . इनमे ट्युनिसिया, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको और सीरिया के सिनेमा को फेस्टिवल में फोकस किया गया ट्युनिसिया और इंडोनेशिया के सिनेमा को फेस्टिवल
में विशेष तरजीह भी दी गई लेकिन १५ अक्टूबर को फेस्टिवल में शामिल सीरियन फिल्म्स
डे, १६ अक्टूबर को मैक्सिकन फिल्म्स डे १७ अक्टूबर को
ऑस्ट्रेलिया फिल्म्स डे फेस्टिवल के ख़ास दिन रहे जहाँ इन देशों की फिल्मों, डिप्लोमेट्स, पर्यटन और संस्कृति से लोग रूबरू
हुए .इस मौके पर १६ अक्टूबर को फेस्टिवल के चर्चित आर्ट शो और कैम्प का उद्घाटन भी
किया गया जिसमे इंडोनेशिया के मशहूर पेंटर किरिश्नंदा द्विलाकसना की पेंटिंग्स साथ
ही देश विदेश के १० कालाकारों के मूर्तिशिल्प और पेंटिंग्स भी चर्चा का विषय रही .
यही नहीं, फेस्टिवल में इस बार अमेरिका की प्रवासी गायक
अलका भटनागर का विडिओ एल्बम ख्वाब सुनहरे और सरफराज राजा की कश्मीर पर लिखी
किताब ‘टियर्स और कश्मीर’ भी लांच किये
गए. छठें दिल्ली इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ५४ देशों की १६७ फ़िल्में दिखाई गई थी .
निवेदन :- अगर आपको लगता है की ये लेख किसी के लिए उपयोगी हो सकता है तो आप निसंकोच इसे अपने मित्रो को प्रेषित कर सकते है