AABSLM

हमारी साइट में अपने समाचार सबमिट के लिए संपर्क करें

श्रद्धेय आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज ने आए हुए श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया

abslm 30/07/2019
शिवरात्रि पर्व पर कुटिया में करें भोलेशंकर के दर्शन व प्रसाद ग्रहण : गोपाल कांडा 
श्री बाबा तारा जी कुटिया में रातभर झूमे श्रद्धालु
'ऐसी भक्ति कहा मिलेगी' श्री बाबा तारा जी कुटिया में मिलेगी' 
अशांत व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता 
'शंकर तेरी जटाओं से, बहती है गंगधारा'

सिरसा, 29 जुलाई। शिवरात्री पर्व के उपलक्ष्य में रानियां रोड़ स्थित तारकेश्वरम् धाम में रविवार रात का नजारा देखते ही बनता था। शिवरात्री पर्व के उपलक्ष्य में श्री बाबा तारा चैरीटेबल ट्रस्ट द्वारा रानियां रोड स्थित श्रीतारकेश्वरम् धाम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन का शुभारंभ हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा ने विधिवत् पूजा-अर्चना कर किया।
इस अवसर पर वृंदावन से पधारे विश्वविख्यात कथा व्यास श्रद्धेय आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज ने अपनी मधुर आवाज में शिव भोले व बाबा तारा जी के भजन गाकर आए हुए श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया व अपनी आवाज के जादु से शिव भक्तों को रातभर झूमने पर मजबुर कर दिया। 
हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा ने इस शुभ अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान शिव और श्री बाबा तारा जी आप सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करे । उन्होंने भक्तों के कथा में आने का स्वागत करते हुए सभी सिरसावासियों से आह्वान किया की वें मंगलवार को प्रात: कुटिया परिसर में पहुंच कर भोलेशकंर और श्री बाबा तारा जी का आशीर्वाद प्राप्त करे व भण्डारे का प्रसाद ग्रहण करे। श्री बाबा तारा जी की कृपा से ही मुझे शिवरात्री पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित इस भव्य श्रीमद्भागवत कथा में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि श्री बाबा तारा जी ने हमेशा ही जरुरतमंद की सहायता करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि धर्मनगरी सिरसा पर सदैव भगवान शिव का आर्शीवाद बना रहा है। कांडा ने कहा कि यह श्री बाबा तारा जी की इस तपोस्थली पर आयोजित भजन संध्या में आए हर एक श्रद्धालु की हर ईच्छा पूर्ण होने की मैं ईश्वर से कामना करता हुं। संबोधन के अंत में कांडा ने कहा कि भगवान शिव सभी भक्तों पर कृपा रखें, क्योंकि परमात्मा के हाथ में सभी की डोर है और इंसान को चलाने वाला परमात्मा ही है। 
 उन्होंने प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कथा व्यास श्रद्धेय आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज का आभार जताया। इस अवसर पर वृंदावन से पधारे कथा व्यास श्रद्धेय आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज जीवन में कितना भी धन ऐष्वर्य की सम्पन्नता हो लेकिन यदि मन में शान्ति नहीं है तो वह व्यक्ति कभी भी सुखी नहीं रह सकता। वहीं जिसके पास धन की कमी भले ही हों सुख सुविधाओं की कमी हो परन्तु उसका मन यदि शान्त है तो वह व्यक्ति वास्तव में परम सुखी है। वह हमेषा मानसिक असंतुलन से दूर रहेगा।
 कथा व्यास श्रद्धेय आचार्य श्री मृदुल कृष्ण जी महाराज ने कथा प्रसंग में परम भक्त सुदाम चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री सुदामा जी के जवीन में धन की कमी थी, निर्धनता थी लेकिन वह स्वयं शान्त ही नहीं परम शांत थे। इस लिये सुदामा जी हमेशा सुखी जीवन ही जीते थे। क्योंकि उनके पास ब्रह्म रूपी धन था। धन की तो उनके जीवन में न्यनता थी परन्तु नाम धन की पूर्णता थी। हमेशा भाव से ओत प्रोत होकर प्रभु नाम में जीन रहते थे। उनके घर में वस्त्र आभूषण तो दूर अन्न का एक कण भी नहीं था। जिसे लेकर वो प्रभु श्री द्वारिकाधीश  के पास जा सकें। परन्तु सुदामा जी की धर्मपत्नी सुशीला के मन में इच्छा थी, मन में बहुत बडी भावना थी कि हमारे पति भगवान श्री द्वारिकाधीश जी के पास खाली हाथ न जाएं। सुशीला जी चार घर गई और चार मुठी चावल मांगकर लायी और वही चार मुठी चावल को लेकर श्री सुदामा जी प्रभु श्री द्वारिकाधीश जी के पास गये। और प्रभु ने उन चावलों का भोग बडे ही भाव के साथ लगाया। उन भाव भक्ति चावलों का भाग लगाकर प्रभु ने यहीं कहा कि हमारा भक्त हमें भाव से पत्र, पुष्प, फल अथवा जल ही अर्पण करता है, तो मैं उसे बडे ही आदर के साथ स्वीकार करता हूं। प्रभु ने चावल ग्रहण कर श्री सुदामा जी को अपार सम्पत्ति प्रदान कर दी। 
आचार्य श्री ने इस पावन सुदामा प्रसंग पर सार तत्व बताते हुए समझाया कि व्यक्ति अपना मूल्य समझे और विश्वास करे कि हम संसार के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं तो वह हमेशा कार्यशील बना रहेगा क्योंकि समाज में सम्मान अमीरी से नहीं ईमानदारी और सज्जनता से प्राप्त होती है। 
 विशेष महोत्सव के रूप में फूलों की होली महोत्सव विशेष धूम-धाम से मनाया गया। जिसमें आचार्य श्री द्वारा 'होली खेल रहे बांके बिहारी', 'बांके बिहारी को देख छटा मेरो मन है गयो लटा-पटा ', 'ऐसी भक्ति कहा मिलेगी' श्री बाबा तारा जी कुटिया में मिलेगी', 'जटा में तेरी गंगा बिराजे', 'राम नाम के हीरे मोती', 'मीठे रस से भरयोड़ी राधा','शंकर तेरी जटाओं से, बहती है गंगधारा', 'भोले नाथ से निराला, कोई और नहीं', 'मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया है, तेरा शुक्रिया है' आदि भजनों को बडे ही भाव के साथ गुनगुनाया गया जिसमें हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने फूलों की होली महोत्सव का आनन्द प्राप्त किया। सम्पूर्ण कथा प्रांगण श्री राधा-कृष्णमय हो गया।
भजन संध्या पर विशेष रूप से पहुंचे विश्व प्रसिद्ध भजन गायक भैया कृष्ण दास भुटानी ने अपनी मधुर आवाज में शिव भोले व श्री बाबा तारा जी के भजन गाकर आए हुए श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर विशेष रूप से कथा श्रवण करने दिल्ली के उद्योगपति एवं गोपाल कांडा के समधी सुभाष गोयल सपरिवार सहित पहुंचे। इसके पश्चात हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा, गोबिन्द कांडा, उनकी माता श्रीमती मुनी देवी कांडा, श्रीमती माया रानी, सरस्वती कांडा, अनीता गोयल, त्रिलोक गोयल, सरिता कांडा, कोकिला अग्रवाल, संगीता कांडा, सुशीला कांडा, पुनीत नारंग, राहुल गोयल, दया गोयल, लखराम कांडा, हर्षा कांडा, संस्कृति कांडा, धवल कांडा, गर्वित गोयल, प्रियंका गोयल, धैर्य कांडा, जलज अग्रवाल और माधव अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य लोगों ने श्री बाबा तारा जी की आरती की और प्रसाद वितरित किया। 
इस अवसर पर नरेश सिडाना एंड पार्टी ने बाबा तारा की मधुर वाणी में आरती गाई।
कार्यक्रम में आए हुए लोगों का आभार व्यक्त करते हुए श्री बाबा तारा जी कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने कहा कि बाबा तारा की अपार कृपा से यहां वर्षभर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। गोबिंद कांडा ने कहा कि श्री बाबा तारा जी की रहमत से ही हर वर्ष शिवरात्री पर्व पर भगवान शिव भक्तों के लिए श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। 
श्री बाबा तारा जी कुटिया की सेवा में समर्पित रहने की शपथ लेते हुए गोबिंद कांडा ने दूर-दराज से आए हुए श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। कांडा ने पूरे कार्यक्रम के दौरान सेवा करने वाले सेवादारों का भी आभार प्रकट किया। श्री बाबा तारा जी कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने बताया कि कथा का सीधा प्रसारण हरियाणा न्यूज चैनल, लाइव यूँ-टयूब चैनल के माध्यम से समस्त विश्व में हो रहा हैं । गोबिंद कांडा ने तारकेश्वम् धाम में 30 जुलाई को हवन यज्ञ व अटूट भण्डारे में आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि बाबा जी के प्रसाद को ग्रहण करने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में कुटिया पहुंचे व भगवान शिव व बाबा तारा जी का आर्शीवाद प्राप्त करें।

निवेदन :- अगर आपको लगता है की ये लेख किसी के लिए उपयोगी हो सकता है तो आप निसंकोच इसे अपने मित्रो को प्रेषित कर सकते है