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सिरसा ने पुकारा-गोपाल कांडा दोबारा


सिरसा। abslm 6/10/2019

सरसों बेचने और उसका भुगतान लेने में किसानों को झेलनी पड़ी अनेक परेशानियां : गोपाल कांडा
सैंकड़ो लोग विभिन्न पार्टियां छोड़ हुए हलोपा में शामिल

हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष एवं सिरसा विधानसभा से उम्मीदवार गोपाल कांडा ने हलका के गांव नहराणा, ताजिया व कैरांवाली में जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान ग्रामीणों ने मोटरसाइकिलों के काफिले के साथ फूल-मालाएं पहनाकर गोपाल कांडा का गांव में पहुंचने पर भव्य स्वागत किया। मोटर साइकिल सवार युवाओं ने, सिरसा ने पुकारा-कांडा दोबारा, के नारे लगाकर आकाश गुंजायमान कर दिया। वहीं कांडा को खुली जीप में बैठाकर गांव की सीमा से सभा स्थल तक लाया गया। कांडा के गांवों के दौरे के दौरान जहां युवाओं में भरपुर जोश देखने को मिला वहीं बुजुर्गों ने भी कांडा को विजयश्री का आशीर्वाद दिया। जनसभाओं में भारी संख्या में मातृशक्ति की उपस्थिति माहौल को एकतरफा कर रही थी।
जनसभा को संबोधित करते हुए गोपाल कांडा ने कहा कि किसानों को महंगे दामों पर खाद, बीज, डीजल, पैस्टीसाइड और फसलों के लिए अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीदनी पड़ रही है। परंतु फसलों के उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसानों के आर्थिक हालात बेहद खराब हैं। सिरसा में ही किसानों को अपनी खराब फसलों का बीमा क्लेम लेने के लिए जगह-जगह धरने प्रदर्शन करने पड़े, बैंकों के चक्कर लगाने लगाने पड़े और फसल विशेषकर सरसों बेचने के बाद भी किसानों को भुगतान में काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी। क्योंकि अधिकारियों द्वारा फसलों की खरीद के लिए  बनाई गई प्रणाली बेहद परेशान करने वाली थी। सरसों बेचने वालों के लिए जमीन की फर्द, मार्केट कमेटी से ऑनलाईन टोकन कटवाने के बावजूद उनपर 25 क्विंटल से अधिक सरसों न खरीदने की सरकारी शर्त लाद दी गई। जिसके कारण किसान अपनी फसल न तो वर्षों पुराने अपने आढ़तियों के माध्यम से बेच पाए और न ही सरकार ने उनकी सारी फसल नहीं खरीदी। इसके पश्चात भी किसानों को कई महीनों तक हैफड और अन्य खरीद एजेंसियों के दफतरों में अपनी फसल के भुगतान के लिए चक्कर लगाने पड़े। कांडा ने कहा कि भुगतान में देरी के कारण किसानों को अगली फसल की बिजाई भी देरी से करनी पड़ी।

गोपाल कांडा ने कहा कि सरकारी नीतियां ऐसी हैं कि जिससे न तो किसान खुश हैं और न ही आढ़ती। वातानुकूलित कमरों में बैठकर अधिकारियों द्वारा मनमर्जी की ऐसी योजनाएं बनाई जाती हैं, जो धरातल पर आते धाराशाही हो रही है। कांडा ने कहा कि  सिरसा के विकास के नाम पर 551 सीएम अनाऊंनसमेंट कर जनता को बरगलाने का काम किया। क्योंकि इनमें से आधी से ज्यादा को तो अधिकारियों ने तकनीकी रुप से सही न मानते हुए रिजेक्ट कर दिया। 551 में से केवलमात्र 180 घोषणाएं ऐसी थी जिन्हें फीजीबल पाया गया। गोपाल कांडा ने कहा कि इन 180 में से अधिकांश वे घोषणाएं हैं जिनकी मंजूरी उन्होंने ने मंत्रीपद पर रहते हुए पहले ही दिलवा दी थी। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सीएम अनाऊंनसमेंट के तहत की गई विकास योजनाओं की घोषणाओं को भी मातहत अधिकारियों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया, उससे इनकी विकास विरोधी सोच का पता चलता है। कांडा ने कहा कि आप लोग 21 अक्तुबर को मतदान वाले दिन पानी के जहाज के साथ वाला बटन दबाकर अपने भाई को आशीर्वाद दें और मेरा आपसे वायदा है कि हर गांव में आर.ओ. की तर्ज पर पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा, गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति दी जाएगी और सिरसा में विशाल कैंसर का अस्पताल बनवाया जाएगा और भारी भरकम पानी के बिलों में राहत प्रदान की जाएगी।
गोपाल कांडा ने कहा कि उन्होंने गांव कैरांवाली के विकास कार्यों के लिए एक करोड़ 20 लाख रुपए, गांव नहराना के विकास के लिए एक करोड़ 22 लाख रुपए का बजट अलॉट करवाया। यही नहीं उन्होंने सभी 31 गांवों और 31 वार्डों का समग्र विकास करवाने की दिशा में लोकहित की सोच के साथ काम किया। कांडा ने कहा कि सभी गांवों को मुख्य सडक़ों से जोडऩे के लिए सडक़ों का नवनिर्माण करवाया। छ: गांवों में खेल स्टेडियम और जलघर बनवाए। उन्होंने कहा कि ढ़ाणियों में बिजली पहुंचाने का वायदा उन्होंने 2009 के चुनावों में किया था, आप लोगों का आशीर्वाद मिलने पर मैंने अपने वायदे को पूरा करके भी दिखाया। गोपाल कांडा ने कहा कि एक और एक दो नहीं बल्कि ग्यारह होते हैं और जब गोबिंद व गोपाल आप लोगों के हकों के लिए संघर्ष करेंगे तो सिरसा जिले में भी करनाल, फरीदाबाद, गुरुग्राम के बराबर बजट अलॉट करवाकर रहेंगे। विकास करवाने की यही हमारी जिद्द है और प्रदेश में सिरसा की चौधर लाना हमारा उद्देश्य है।
इस जनसम्पर्क अभियान के दौरान सैंकड़ों लोगों ने इनेलो, कांगे्रस, भाजपा व अन्य दल छोडक़र हलोपा की सदस्यता ग्रहण की और उन्होंने कहा कि इस बार वे गोपाल कांडा को भारी बहुमत से विजय बनाने के लिए घर-घर तक पानी के जहाज के चुनाव चिन्ह को पहुंचाएंगे। इस अवसर पर प्रो. दयानंद शर्मा, पूर्व सरपंच रामकुमार, चिरंजीलाल कुकणा, राममूर्ति कुकणा, कमल नम्बरदार, महेंद्र सिंह, प्यारे लाल भोभीया, राजेंद्र ठाकर, राजेराम, शेर सिंह मंडा, प्रेम सिंह डुडी, सुख लाल सुथार, राकेश कुकणा, गांधी राम, अजीत सिंह कुकणा, औमप्रकाश ठाकर, बृजलाल, रामस्वरुप कडवासरा, महावीर ढेल्लू, बलदेव सिंह, रवि डूडी, जयवीर भोभीया, विनोद मंडा, प्रदीप गिरी, मंजीत गिरी, संजीव गिरी, रणधीर बाना, सुभाष वाल्मीकि, संदीप वाल्मीकि, बलबीर वाल्मीकि, बनवारी लाल वाल्मीकि, रामनिवास वाल्मीकि, सतपाल, सुरेश वाल्मीकि, सतबीर वाल्मीकि, पृथ्वी वाल्मीकि, अशोक नम्बरदार, रामकुमार चांदवाल, गोपी राम चांदवाल, लीलू राम चांदवाल, धन्ना राम बामनियां, सुरेंद्र सहारण, महेंद्र, सुरजीत सिद्धू, नेकीराम बैनीवाल, रामसिंह सिद्धू, चरणसिंह बिस्सू, जसवंत सिंह राजपूर, सुरजाराम नेहरा, सतीश सिद्धू, रोशनलाल रंगा, सुबोध बैनीवाल, अजय ढोलू, साहबराम जांगड़ा सहित आस-पास के अनेक गांवों के पंच, सरपंच, पूर्व सरपंच सहित भारी संख्या में ग्रामीण व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।


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