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खट्टर सरकार पट्रोल पम्पों के नाम पर प्रदेशभर में अपने चहेतों को जमीन अलॉट कर न केवल घोटालों को अंजाम दे रही

abslm  चंडीगढ़, 15 फरवरी2021



खट्टर सरकार पट्रोल पम्पों के नाम पर प्रदेशभर में अपने चहेतों को जमीन अलॉट कर न केवल घोटालों को अंजाम दे रही बल्कि पर्यावरण संबंधि नियम-कानूनों की धज्जियां भी उड़ा रही है। ये बात पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर एवं कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने खट्टर सरकार पर आरोप लगाते हुए कही। बुवानीवाला ने कहा कि सरकार पट्रोल पम्पों में नाम पर अपने नुमाइंदों को बहुमूल्य जमीन कोडियों के भाव में दे रही है। 

उन्होंने कहा कि इसमें बहुत सी जमीन वन विभाग के अंतर्गत ग्रीन जोन में पड़ती है जो पर्यावरण के लिए गंभीर चिंता का विषय है। बुवानीवाला ने इस पूरे मामले पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार बताएं कि पिछले छ: वर्ष के शासनकाल के दौरान पट्रोल पम्प के नाम पर कितने लोगों को किस भाव में जमीन अलॉट की गई है और इस दौरान पर्यावरण संबंधि नियम-कानूनों का पालन किया गया है या नहीं। कांग्रेस नेता ने गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-1 में वन विभाग के क्षेत्र में पेट्रोल पंप लगाने के चर्चित मामले को उठाते हुए कहा कि एक स्वयंसेवी संस्था की शिकायत पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इसका संज्ञान लिया है। हालांकि पूर्व में यह मामला हरियाणा सरकार के संज्ञान में भी लाया गया था, लेकिन सरकार ने इस पर किसी भी तरह की कार्यवाही करने में कोई रुचि नहीं दिखाई जो कि प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही धांधली की ओर इशारा करता है। 

बुवानीवाला ने कहा कि गुरुग्राम नगर निगम ने 15 मार्च 2019 को यहां डीएलएफ फेज-1 में वन विभाग के क्षेत्र में 1500 स्क्वेयर मीटर क्षेत्रफल में पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए जमीन दी थी। वहां पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) कंपनी का पेट्रोप पंप लगाया जाना था। वन विभाग के नियमों के मुताबिक ऐसा नहीं किया जा सकता। वन विभाग के क्षेत्र में कोई भी व्यवसायिक गतिविधि नहीं की जा सकती। इसलिए वन विभाग या ग्रीन जोन में जीतने भी पेट्रोप पंपों की अनुमति दी गई उन सबको रद्द किया जाए।

बुवानीवाला ने कहा कि 9 फरवरी 2021 को एनजीटी ने आदेश पारित किए हैं कि गुरुग्राम नगर निगम ने वन विभाग क्षेत्र में पेट्रोल पंप लगाने की अनुमति देकर गलत काम किया है। नियमों को ताक पर रखकर यह काम किया गया है। साथ ही एनजीटी ने गुरुग्राम के उपायुक्त तथा मंडल वन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में दो माह में जांच करके पूरी रिपोर्ट पेश करें। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस पूरे प्रकरण पर श्वेत पत्र जारी किया जाए। 

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