ABSLM 16/12/2021 एस• के• मित्तल
सफीदो, कोरोनाकाल में जहां जीवन थम सा गया था तथा लोग अपने घरों में कैद होने को मजबूर हो गए थे लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने इस काल में घर पर रहकर भी समाज को शिक्षिक करने और उन्हे कुछ ना कुछ करने की प्रेरणा दी है। उन्ही विरले लोगों में से एक शिक्षाविद् पूनम सिंगला मित्तल हैं, जिन्होंने कोरोनाकाल में निश्चिंत होकर बैठने की बजाए शिक्षा से जुड़े अनेक वैबीनारों में भाग लिया और उन वैबीनारों से निकले निचौड को रिसर्च के रूप में प्रस्तुतिकरण व प्रकाशन करवाया। बता दें कि पूनम सिंगला मित्तल राजकीय पीजी कालेज में अपनी सेवाएं दे चुकी है तथा फिलहाल वे आर्य पीजी कालेज पानीपत में बतौर प्राध्यापिका कार्यरत्त हैं। कोरोनाकाल में अलग-अलग वेबीनारों में भाग लेने और काफी अलग-अलग रिसर्च पेपर पब्लिश व प्रस्तुत करवाने को लेकर उनकी कर्मठता को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय संस्था आईटूओआर ने पूनम सिंगला मित्तल को अंतर्राष्ट्रीय यंग एस्पीरेंट अवार्ड व नेशनल एलिमेंट रिसर्च अवॉर्ड तथा ग्रीन थिंकर्स नामक संस्था द्वारा इंटरनेशनल वाइट एकेडमिक एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया है। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वेबीनारों में पूनम सिंगला कि-नोट स्पीकर भी रह चुकी है। पूनम की इस उपलब्धि पर सफीदों क्षेत्र में खुशी की लहर है तथा उनके निवास स्थान पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। #यूट्यूब पर यह भी #देखें #सब्सक्राइब करें और #अपने सभी #दोस्तों को #शेयर करें... #सभी #खबरों की #अपडेट के लिए #घंटी #जरूर #दबाएं...
पत्रकारों से बातचीत में पूनम सिंगला मित्तल ने बताया कि वह अलग-अलग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेबीनारों, कान्फे्रंसों, सेमिनारों व कार्यशालाओं में भाग लेकर करीब 25 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए है। आयोजक संस्थाओं के द्वारा उन्हें अवार्ड के साथ-साथ लाइफ टाइम मेंबरशिप भी प्रदान की है। पूनम ने अपनी इस उपलब्धि का सारा श्रेय कॉलेज में उनके साथ काम कर रहे प्राचार्य, प्राध्यापकों व परिजनों को दिया है। पूनम सिंगला मित्तल का कहना है कि उसके जीवन का लक्ष्य अपने करियर में सफलता प्राप्त करना। खुद एक अच्छा इंसान बनने के साथ-साथ दूसरों की मदद करना है। उनकी कोशिश रहती है कि सामाजिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेकर अपना सहयोग दिया जाए। पूनम सिंगला मित्तल ने बताया कि इंटरनेट सुविधा उपलब्ध रहने की वजह से सारे कारोबारों और कामकाज करने के तरीके में बहुत बदलाव आ गया है। कोरोनाकाल में वेबीनार एजुकेशनल वल्र्ड के लिए वरदान बनकर सामने आए हैं। कम्पूयटर और इंटरनेट से पूरी दुनिया इस काल में आपस में जुडी रही और सबके बीच संवाद कायम रहा। बेबिनार दो शब्दों वेब और सेमिनार से मिलकर बना है। इन दिनों भारत में विभिन्न एजुकेशनल पर्पसेस के लिए भी वेबिनार्स पर ऑडियंस की लाइव प्रेजेंटेशन्स और इंटरैक्टिव मल्टीमीडिया के माध्यम से काफी उपयोगी और महत्वपूर्ण एजुकेशन प्रदान की जा रही है।
फोटो कैप्शन 2.: अवार्डो से सम्मानित शिक्षाविद् पूनम सिंगला मित्तल।
निवेदन :- अगर आपको लगता है की ये लेख किसी के लिए उपयोगी हो सकता है तो आप निसंकोच इसे अपने मित्रो को प्रेषित कर सकते है