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यदि बाबा बालमुकुंद द्वारा खुले आम मांसाहार के धंधे पर रोक लगाना गलत है तो फिर मनुष्य का जन्म लेना ही गलत है जो भारत भूमि पर मांसाहार की खुल्ली छूट देता है

 abslm  11/12/2023   

बलदेव चौधरी क्राइम ब्यूरो चीफ अलवर

बाबा बालमुकुंद द्वारा खुल्ले आम रोड पर नॉनवेज विक्री और मांसाहार खाने पर रोक लगाने पर यदि किसी को परेशानी है तो वो है सिर्फ राजनीतिक रोटी सेंकने वालो को जो हर पल कोई ना कोई ऐसे मुद्दे की तलाश में रहते हैं, आप को बता दें जन साधारण में इस बात का कोई विरोधाभास नही है क्योंकि जितने भी दुनिया में मानव समूह है चाहे वो हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई और इनके अलावा भी जैन आदि किसी भी समूह के मनुष्य और शास्त्र मनुष्य के लिए पहली बात तो आदेश नही करते ,किसी भी धर्म में,भारत तो क्या पूरी दुनिया में किसी भी धर्म पुस्तक या किसी भी कानून की किताब में मनुष्य के लिए मांसाहार।का लेख हो तो तो कोई बताए,दूसरी  बात मांसाहार पशु पक्षी और राक्षस गण का आहार है ना की मनुष्य जाति का ,किसी भी मानव जाति के समूह में मांसाहार घोर पाप है,और किसी भी सात्विक और जन साधारण जो मांसाहार के विरुद्ध है इसके आस पास मांसाहार बेचना और खाना मानवाधिकारों के विरुद्ध है मानवाधिकारों का सबसे बड़ा हनन है,और यदि जबरदस्ती कोई भी चाहे वो सरकार हो या कोई राजनीतिक दलाल जो मांसाहार को बेचना और वो भी खुल्ले आम को सही साबित कर रहा है तो आप को बता दे वो
सिर्फ और सिर्फ राजनीतिक खेल का मामला है जो निजी स्वार्थ के लिए मानवता की दज्जिया उड़ा रहे हैं ,

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