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सफीदों में राजस्थानी परिवारों ने धूमधाम से मनाया गनगौर पर्व

 ABSLM  12/4/2024 एस• के• मित्तल   

सफीदों,  कहते है अपने पूर्वजों के लगाए गए रीतिरिवाजों को कभी भुला नहीं जा सकता चाहे वह लोग किसी भी देश का प्रदेश में रहने लगे। ऐसा ही एक नजारा को सफीदों के हाट रोड़ पर खादी आश्रम वाली गली में देखने को मिला, जब यहां पर काफी समय पहले राजस्थान से आकर बसे एक शर्मा परिवार ने अपने पुत्र विकास व पुत्रवधू अनुराधा की शादी के बाद गनगौर पूजन किया और गणगौर माता की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली। इस यात्रा में राजस्थानी परिवारों के साथ-साथ हर धर्म व समाज के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और वर-वधू को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। इस मौके पर निकाली गई शोभायात्रा में ढोल नंगाडों की थाप पर लोग जमकर थिरके। यह गणगौर माता यात्रा हाट रोड से शुरू होकर गुरूद्वारा गली स्थित श्री हरि संकीर्तन भवन में आकर संपन्न हुई।

श्रद्धालुओं ने यहां पर गणगौर की प्रतीमाओं की पूजा-अर्चना की तथा परिवार व समाज की सुख-शांति की कामना की। इस मौके पर विकास शर्मा ने बताया कि गनगौर पूजन का त्यौहार राजस्थान में अधिक प्रचलित है लेकिन  राजस्थान के लोग किसी अन्य प्रदेश में भी रहने लग जाते है तो वे रितिरिवाजों को नहीं भूलते और इस त्यौहार को उतने ही धूमधाम से मनाते है। यह त्यौहार जब किसी भी राजस्थानी परिवार के घर में नई शादी होती है तो नई दुल्हन फाग वाले दिन से 16 दिन तक हर रोज गनगौर माता की पूजा करती है और 16वें दिन ईशर व गनगौर के पुतले बनाकर उनकी पूजा करते हुए ढोल-धमाकों के साथ शोभायात्रा निकाली जाती है। यह त्यौहार को भगवान शिव व पार्वती की शादी के उपलक्ष्य में ईशर व गनगौर की पूजा के रूप में मनाया जाता है।


फोटो कैप्शन 12एसएफडीएम1.: गणगौर शोभायात्रा निकालते हुए श्रद्धालुगण।

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