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श्रीमद्भागवत कथा सुनकर राजा परीक्षित को मुक्ति मिली थी: पंडित विपिन शास्त्री

ABSLM-19/05/2025

 


सफीदों, (एस• के• मित्तल) : नगर की गुरूद्वारा गली स्थित शिव शक्ति कृपा मंदिर संकीर्तण भवन में वेदाचार्य श्रीमद् दण्डी स्वामी डा. निगमबोध तीर्थ महाराज के चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पंडित विपिन शास्त्री ने कहा कि जब राजा परीक्षित को पता चला कि उसकी सांप के डसने से सात दिन में मृत्यु हो जाएगी। जिससे वे बहुत व्याकुल हो जाते हैं और वे विद्वानों से मदद मांगते हैं। विद्वान उन्हे शुकदेव के बारे में बताते हैं। राजा परीक्षित उन्हें अपने दरबार में बुलाते हैं। राजा परीक्षित ने जब शुकदेव से कहा कि वे अपने पापों से मुक्ति कैसे पा सकते हैं। जिस पर शुकदेव ने कहा कि वे श्रीमद्भागवत कथा सुने।




 यह कथा उन्हे ज्ञान और मुक्ति का मार्ग दिखाएगी। शुकदेव ने राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत कथा सुनाकर उन्हें बताया कि भगवान विष्णु ही सर्वशक्तिमान हैं। 


श्रीमद्भागवत कथा सुनकर राजा परीक्षित को मुक्ति मिलती है और वह अपनी मृत्यु को स्वीकार करते हंै। उन्होंने कहा कि शुकदेव ऋषि वेदव्यास के पुत्र हैं और श्रीमद्भागवत कथा के मुख्य कथाकार हैं। वे राजा परीक्षित को यह कथा सुनाकर उन्हें ज्ञान और मुक्ति का मार्ग दिखाते हैं, जिससे उन्हें मृत्यु का भय नहीं रहा। उन्होंने कहा कि भागवत पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जो भक्ति, ज्ञान और कर्मयोग के माध्यम से मुक्ति का मार्ग दिखाता है। भागवत कथा के श्रवण से पापों का नाश होता है व भगवान के प्रति प्रेम और समर्पण को बढ़ावा मिलता है, जिससे व्यक्ति को सांसारिक दुखों से मुक्ति मिलती है।
 
फोटो कैप्शन 19एसएफडीएम5.: श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करवाते हुए पंडित विपिन शास्त्री।
फोटो कैप्शन 19एसएफडीएम6.: कथा में उपस्थित श्रद्धालुगण।

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