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छल-कपट की भावना उसमें कम हो जाती हैं और अपने पुण्य के प्रभाव से व्यक्ति विष्णु लोक में स्थान पाने योग्य बन जाता हैं।

 

abslm 7/6/25



जो व्यक्ति श्रद्धा भाव से एकादशी का व्रत रखता हैं वह मोहमाया के प्रभाव से मुक्त हो जाता हैं, छल-कपट की भावना उसमें कम हो जाती हैं और अपने पुण्य के प्रभाव से व्यक्ति विष्णु लोक में स्थान पाने योग्य बन जाता हैं। ये शब्द लायन्स क्लब सिरसा अमर के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रमेश साहुवाला ने निर्जला एकादशी के उपलक्ष्य में स्थानीय कोर्ट कालोनी में घड़े वितरण समारोह में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि एकादशी के व्रत वाले दिन व्यक्ति को परनिन्दा, छल-कपट, लालच, द्वेष की भावना को मन में नहीं लाना चाहिए तथा सभी के प्रति एक समान भाव रखना चाहिए और फिर व्यक्ति सब पापों से मुक्त हो जाता हैं और उसे स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती हैं तथा उसका मन शांत हो जाता हैं और वह तनाव से मुक्त हो जाता हैं।

श्री साहुवाला ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार मुर नामक असुर से युद्ध करते हुए जब भगवान विष्णु थक गए तब बद्रिकाश्रम में गुफा में जाकर विश्राम करने लगे। मुर भगवान  विष्णु    का पीछा करते हुए बद्रिकाश्रम पहुंच गया। निद्रा में लीन भगवान  विष्णु  को मारना चाहा तभी भगवान  विष्णु  के शरीर से एक देवी का जन्म हुआ और इस देवी ने मुर का वध कर दिया। तब भगवान  विष्णु   देवी से प्रसन्न होकर उसका नाम एकादशी रख दिया तथा कहा कि आज से प्रत्येक एकादशी को मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा होगी तथा निर्जला एकादशी का महत्त्व सभी एकादशियों से बड़ा होगा।
इस अवसर पर 101 घड़े झुग्गी-झोपडिय़ों, गरीब बस्तियों एवं जरूरतमंदों को वितरित किए गए। इस अवसर पर नीलम साहुवाला, अमर साहुवाला, सी.ए. रीतुन साहुवाला, पारूल साहुवाला, संदीप, पवन कुमार, रविंद्र कुमार एवं भावना उपस्थित थे।

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