abslm 12/08/2025
पिंजौर, 12 अगस्त। हरियाणा कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने पिंजौर मंडी के मुख्य प्रशासक द्वारा मंडी में काम करने वाले सेब व्यापारियों को धमकी देकर पुरानी अधिसूचना का पालन करने का दबाव बनाने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि बिगड़ी कानून व्यवस्था के चलते प्रदेशभर के व्यापारी पहले से ही अपराधियों के निशाने पर है और आए दिन प्रदेश के कोने-कोने से व्यापारियों के साथ हत्या, लूट, फिरौती जैसी घटनाऐं सामने आ रही है। ऊपर से अब प्रशासन के अधिकारी भी व्यापारियों के साथ गुंडों जैसा बर्ताव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के साथ ऐसा धमकी भरा बर्ताव कभी भी बर्दास्त नहीं किया जाएगा। अशोक बुवानीवाला ने कहा कि व्यापारियों ने बार-बार कहा है कि वे 16.05.2025 की नई और वैध अधिसूचना के अनुसार मंडी शुल्क का भुगतान करने को तैयार हैं, जो कि लागू एकमात्र कानूनी निर्देश है। हालाँकि, प्रशासन मौसमी सेब व्यापारियों से ज़्यादा भुगतान वसूलने के लिए पुरानी अधिसूचना का पालन करने पर आमादा है - यह अच्छी तरह जानते हुए कि, पीक सीजन में व्यवधान से बचने के लिए, कई लोग दबाव में भुगतान करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे पर एक मामला पहले से ही माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में लंबित है, जिस पर 18.08.2025 को निर्णय होना है। उसके बावजूद बार-बार की धमकियाँ और जबरदस्ती भरे नोटिस, व्यापारियों पर सुनवाई से पहले दबाव डालने के जानबूझकर किए गए प्रयास प्रतीत होते हैं, ताकि मार्केट कमेटी अदालत में अपने कार्यों के लिए जवाबदेह होने से बच सके। बुवानीवाला ने कहा कि यह नींदनीय है कि अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को चेतावनी दी गई है कि कल सुबह से पिंजौर मंडी में सेब की किसी भी पेटी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी को भी काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 11.08.2025 के एक नोटिस में आगे धमकी दी गई है कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए जाएँगे। उन्होंने कहा कि यह कठोर रवैया न केवल व्यापारियों के लिए, बल्कि सेब उत्पादकों के लिए भी गंभीर व्यवधान पैदा कर रहा है, जिनमें से कई अपनी उपज हरियाणा के पिंजौर में बिक्री के लिए भेजते हैं। इस तरह की कार्रवाइयाँ पूरी सेब आपूर्ति श्रृंखला को खतरे में डाल देती हैं और हरियाणा में एक बड़े बाजार के पतन का कारण बन सकती हैं। बुवानीवाला ने राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप करने, धमकियों को वापस लेने और 16.05.2025 की कानूनी रूप से वैध अधिसूचना के तहत व्यापार को आगे बढऩे की अनुमति देने का आह्वान किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रशासनिक अतिक्रमण के कारण किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को परेशानी न उठानी पड़े।
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