abslm 4/10/2025
श्री विजय गोयल और श्री कपिल मिश्रा ने 'CASH…M…KASH' को सराहा; फिल्म गांधीवादी सिद्धांतों और आधुनिक लालच पर बहस को फिर से जीवित करती है
एंटीमेटर फिल्म्स और इमेज़ इंटरनेशनल की बहुप्रतीक्षित सामाजिक थ्रिलर फिल्म CASH…M…KASH का औपचारिक सफर आज नई दिल्ली के प्रतिष्ठित कंस्टीट्यूशन क्लब, राफ़ी मार्ग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस और टाइटल पोस्टर अनावरण के साथ शुरू हुआ। इस भव्य आयोजन में मुख्य अतिथि श्री विजय गोयल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी स्मृति एवं गांधी दर्शन के उपाध्यक्ष, और माननीय अतिथि श्री कपिल मिश्रा, कला, संस्कृति और पर्यटन मंत्री, दिल्ली सरकार, मौजूद थे।
लॉन्च कार्यक्रम का मकसद फिल्म के संदेश और उसकी सामाजिक प्रासंगिकता को उजागर करना था। यह फिल्म आधुनिक समाज में बढ़ते भौतिक लालच के बीच महात्मा गांधी के सिद्धांतों की आलोचनात्मक पड़ताल करती है।
गांधी के सिद्धांतों की आलोचनात्मक पड़ताल करती है।
श्री विजय गोयल ने कहा,
"लोग वास्तव में गांधी जी को नहीं समझे है। गांधी पर शोध होता है , संगोष्ठियाँ होती हैं उनके संग्रहालय और प्रदर्शनी होती हैं , लोग उनके बारे में बातें करेंगे, भाषण होंगे। लेकिन गांधी जी के मूल्यों का असली सार युवा पीढ़ी तक नहीं पहुंचा है।"
उन्होंने आगे बताया कि गांधी के सिद्धांतों का पालन करना कठिन नहीं है और यह हमें प्राचीन काल से ही सिखाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा,
"गांधी ने कुछ नया नहीं किया, लेकिन जो नया किया वह था त्याग और बलिदान। यही आज हमें सिखाया जाना चाहिए। अगर त्याग है, तो व्यक्ति इतना सांसारिक मोह नहीं करता।" उन्होंने एक क्षण रुककर जोड़ा,
"भाषण देना इतना आसान नहीं है। जब मैं बोलता हूं, तो वही लाइन मेरे मन में आती है: 'विजय गोयल, क्या आप वही कर रहे हैं जो कह रहे हैं या नहीं?'"
फिल्म के संदेश पर बात करते हुए गोयल जी ने कहा कि फिल्म में उठाए गए मुद्दे "बिल्कुल सही" हैं। उन्होंने आधुनिक हालात पर चिंता जताते हुए कहा,
"गांधी केवल मुद्रा नोटों तक सीमित हो गए हैं।" उन्होंने दोहराया कि मुद्रा पर उनकी छवि होने के बावजूद, "लोग यह नहीं देख रहे कि गांधी का असली स्वरूप क्या था, या गांधी का पालन कैसे करें।"
गोयल जी ने चर्खे का ऐतिहासिक महत्व भी बताया और कहा,
"जब कपड़ा मुख्य रूप से मैनचेस्टर से आयात होता था, तब हर घर में चरखा रखने का विचार था। उसके बाद चरखाआंदोलन और स्वदेशी का प्रतीक बन गया।"
उन्होंने फिल्म में चर्खे के इस्तेमाल पर कहा, "मुझे बताया गया कि इस फिल्म में... चरखा यह संदेश देता है कि हम जो कर रहे हैं वह सही है या नहीं।" लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नैतिक मूल्यों का सबसे बड़ा स्रोत घर और शिक्षक हैं।
श्री कपिल मिश्रा, कला, संस्कृति और पर्यटन मंत्री, दिल्ली सरकार ने कहा,
"मैं श्री विजय गोयल जी का बहुत आभारी हूं, जिनका व्यक्तित्व और कार्य ने समाज के हर आयाम को छुआ है। पिछले दो दशकों में उनके सामाजिक और राजनीतिक सफर को देखना मेरे लिए सीखने का अनुभव रहा। मैं CASH…M…KASH कि पूरी टीम, कलाकारों और अजीत जी को बधाई देता हूं कि उन्होंने एक ऐसी फिल्म बनाई जो वाणिज्यिक हितों से ऊपर है। आज की फिल्मों से संवाद, चरित्र और राष्ट्रीय भावना बनती है। गांधी के सिद्धांत सनातन धर्म का सार दर्शाते हैं और आधुनिक राजनीति में भी अमूल्य सबक देते हैं। इस विषय को चुनना साहस है और मुझे विश्वास है कि निर्माताओं की मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता इसे सफल बनाएगी।"
उन्होंने निर्माताओं की सराहना करते हुए कहा,
"लोग जल्दी सोचते हैं, फिल्म बनानी है तो तुरंत पैसा कमाने वाली बनाएं, विषय कोई भी हो सकता है। लेकिन इस फिल्म के निर्माता इस जाल में नहीं फंसे। यह बहुत बड़ी बात है। फिल्म को बहुत सफलता मिले ऐसी हमारी कामना है ।"
फिल्म के निर्देशक अजीत सिन्हा, लेखक राज वर्मा, और निर्माता विरेंद्र भल्ला, शहरोज़ अली खान, अजीत सिन्हा और रागिनी गुंजन ने अहम शर्मा, साई तम्हंकर, आदर्श बरिक, पल्लवी सिंह, गोविंद पांडे, दुर्गेश कुमार, यश, सिद्धांत गोयल और रूने टेम्टे जैसे कलाकारों के साथ शानदार कास्ट तैयार की है। संगीत विपिन पाटवा और गीत डॉ. सागर द्वारा दिए गए हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित राजपाल यादव ने भी गांधी जी और उनके उपदेशों के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि गांधी जी के बारे में बात करना ऐसा है जैसे दीपक को खुद प्रकाश के सामने रखना। उन्होंने फिल्म को लेकर अपनी उत्सुकता व्यक्त की और निर्देशक अजित सिंह को शुभकामनाएँ दीं।
निर्देशक अजीत सिन्हा ने फिल्म की सबसे खास बात बताई कि चरखाफिल्म में नैतिक चेतना के रूप में कार्य करता है। फिल्म में पात्रों की बजाय चरखाकी आवाज से कहानी शुरू होती है, जो कहती है:
"मैंने उन धागों को काता जो एक क्रांति को लिपटे। मैंने सत्याग्रह, बलिदान और सच्चाई को साम्राज्य गिराते देखा। आज मैं ड्राइंग रूम में धूल जमी हूं। बच्चे गांधी को केवल मुद्रा पर चेहरे के रूप में जानते हैं, एक राष्ट्र की अंतरात्मा के रूप में नहीं। मैंने लालच को ईमानदारी को निगलते देखा... और अब मैं आपको दिखाऊंगा जो मैंने देखा।"
CASH…M…KASH 2026 में दुनिया भर में रिलीज़ होगी और दर्शकों को न केवल थ्रिल देने के साथ-साथ सामाजिक नैतिकता पर गंभीर विचार करने का अवसर देगी।
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