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खुदरा व्यापारियों के व्यापार को बचाया जा सकें - अशोक बुवानीवाला

चंडीगढ़, 20 सितम्बर-2016

अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने सरकार से मांग की है कि ई-व्यापार पर 16 फीसदी का अतिरिक्त कर लगाया जाए, जिससे खुदरा व्यापारियों के व्यापार को बचाया जा सकें। प्रैस को जारी एक विज्ञप्ति में बुवानीवाला ने कहा कि ई-व्यापारी वेबसाईट के साथ-साथ मोबाईल एप्लीकेशन से रोज कमाने और रोज खाने जैसी वस्तुओं का भी ऑनलाइन व्यापार कर रहे हैं। इससे हर साल लाखों खुदरा व्यापारियों का रोजगार खत्म हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि देश को अपराध मुक्त करना है तो देश में खुदरा व्यापार को बढ़ावा देना होगा। बुवानीवाला ने बताया कि 21 नवम्बर को दिल्ली में अपनी समस्याओं को लेकर व्यापारी सडक़ों पर उतरेंगे और खासकर ई-व्यापार के खिलाफ रोष प्रकट करेंगे। उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह से ई-व्यापार बढ़ रहा है, उस तरह से देश में सात करोड़ खुदरा व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। बुवानीवाला ने कहा कि देश के जनप्रतिनिधि की आय आयकर के दायरे में लाई जाए। 40 लाख तक वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारी को जीएसटी से बाहर रखा जाए। जीएसटी में वन इंडिया, वन टैक्स और वन विंडो की प्रणाली लागू की जाए। जीएसटी की दर को 18 फीसदी से कम और एफडीआई का प्रावधान समाप्त किया जाए। नकद खरीदारी पर लगाया गया टीसीएस समाप्त किया जाए। 
व्यापारी समस्याओं के समाधान के लिए व्यापारी आयोग बनाया जाए और व्यापारी पेंशन योजना लागू किया जाए। बुवानीवाला ने कहा कि ई-व्यापार के माध्यम से दवाईयों की बिक्री गैर-कानूनी है। उन्होंने कहा कि दवाईयों की ब्रिकी के लिए फार्मेंसी कौंसिल से अनुमति लेनी अनिवार्य है। परन्तु ई-व्यापार के माध्यम से फार्मेंसी कौंसिल की अनुमति के बगैर करोड़ों रूपयों की दवाईयां बेची जा रही है। जो सरकार के नियमों का उल्लघनं है इस पर भी रोक लगाकर नियम सुनिश्चित किए जाए। ताकि खुदरा विके्रताओं को राहत मिल सकें। 

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