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पुस्तकों से अर्जित किया हुआ ज्ञान कभी भी व्यर्थ नहीं जाता

abslm सिरसा 30 अक्तूबर 2017

पुस्तकें विद्यार्थियों की सच्ची मित्र हैं और विद्यार्थियों को इनके ऊपर अधिक से अधिक समय व्यतीत करना चाहिए। पुस्तकों से अर्जित किया हुआ ज्ञान कभी भी व्यर्थ नहीं जाता और सारी उम्र व्यक्ति के काम आता है। यह उदगार चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलपति प्रो. विजय के. कायत ने विश्वविद्यालय के बहुउद्देशीय हॉल में विवेकानन्द पुस्ताकलय द्वारा आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के उपरान्त विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
कुलपति ने कहा कि यहां के विद्यार्थियों एवं लोगों के लिए यह बढ़ा सुनहरा अवसर है कि इतने सारे राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रकाशन एक स्थान पर इक्ट्ठा होकर देश व प्रदेश की राजधानी से दूर दराज के क्षेत्र में स्थित इस क्षेत्र के पुस्तक प्रेमियों की पुस्तकों सम्बन्धी मांग को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने इस प्रदर्शनी को पुस्तक शौद्यार्थियों के द्वार का नारा दिया। हॉल में लगी हुई विभिन्न स्टॉलों का गहनता से निरीक्षण किया और पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. पंकज शर्मा को निर्देश दिए की नए विभागों की पुस्तकों की अधिक से अधिक खरीद की जानी चाहिए ताकि इन विभागों के विद्यार्थियों को प्रत्येक प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय की ओर से एक व्याख्यानों की श्रृंखला का आयोजन भी किया जाना चाहिए जिसके तहत विद्यार्थियों के अन्दर पढ़ने के कौशल को विकसित किया जा सके और उन्हें देश के महान व्यक्तित्वों से अवगत करवाया जा सके। कुलपति ने कहा कि पुस्तकालय का शीघ्र ही डिजीटलाईजेशन भी किया जाएगा। उन्होंने पुस्ताकलय अध्यक्ष एवं स्टॉफ की प्रशंसा भी की और उम्मीद जाहीर की कि इस दो दिवसीय प्रदर्शनी से न केवल विश्वविद्यालय के अध्यापक व शौद्यार्थी बल्कि शहर के अन्य पुस्तक प्रेमी भी लाभान्वित होंगे।
कुलपति ने कहा कि वर्तमान सूचना प्रोद्योगिकी के युग में ई-रिसोर्सिस का महत्व बढ़ा है और इसी उद्देश्य से प्रदर्शनी के दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए ई-रिसोर्सिस का प्रयोग कैसे करेंनामक विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा। पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो. पंकज शर्मा ने कुलपति को बताया की वर्तमान वित वर्ष के दौरान कुल 75 लाख रूपए का प्रावधान रखा गया है जिसमें से 30 लाख रूपए पुस्तकों पर और 40 लाख रूपए शौद्य पत्रिकाओं पर और 5 लाख रूपए ई रिसोर्सिस पर खर्च किए जाएंगे। बायोटेक्नोलोजी विभाग, रसायन विभाग, कम्प्यूटर साईंस विभाग, ऊर्जा एवं पर्यावरण विभाग, फूड साईंस एवं टैक्नोलोजी व गणित विभाग के लिए केन्द्रीय पुस्तकालय में डेढ़-डेढ़ लाख रूपए की पुस्तकें खरीदी जाएंगी। इसी प्रकार बिजनस एडमिनिस्ट्रेशन, वाणिज्य विभाग, अर्थशास्त्र विभाग, शिक्षा, पत्रकारिता एवं जनसंचार, विधी, शारीरिक शिक्षा, इतिहास, भूगोल, म्यूजिक, हिन्दी, पंजाबी, संस्कृत विभाग के लिए सवा-सवा लाख रूपए की पुस्तकें वर्तमान वित वर्ष के दौरान खरीदी जाएंगी।
इस अवसर पर हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष श्री वीरेंद्र सिंह चौहान, प्रो  दिलबाग सिंह, प्रो सुल्तान सिंह, प्रो विक्रम सिंह, प्रो दिप्ती धर्माणी, प्रो राजकुमार सिवाच, प्रो सुरेश गहलावत सहित अनेक पुस्तक प्रेमियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की।



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