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स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन की शिक्षा सचिव से वार्ता सफल प्रदेश के प्राध्यापकों में खुशी की लहर: गुरदीप सैनी

सिरसा, 31 जनवरी2018

स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन हरियाणा की मांगों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का गठन माध्यमिक विद्यालय शिक्षा विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में किया गया। इस कमेटी में निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग(डीईई), राज्य परियोजना निदेशक (एसपीडी) और चीफ अकाउंट ऑफिसर (सीएओ) को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।
एसोसिएशन के राज्य प्रधान राजकुमार शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी गुरदीप सैनी, प्रवक्ता अशोक शर्मा, सिरसा जिला के प्रधान भूप सिंह सिहाग, भिवानी जिला के प्रधान लीलू राम शर्मा, दादरी के शिवकुमार गोयल, प्रदेश के चेयरमैन रामफल सहरावत, अंबाला से अमरजीत सिंह, अरविंद सैनी, सिरसा से शमशेर शर्मा, नवदीप धूडिय़ा, विनोद कुमार कांटीवाल, शालू भारद्वाज, कृष्णा कुमारी इत्यादि ने प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का स्वागत किया है। प्रदेश मीडिया प्रभारी गुरदीप सैनी ने बताया कि इससे पूरे प्रदेश के प्राध्यापकों में खुशी की लहर है। उन्होंने बताया कि नॉन एचटेट और नॉन बीएड कार्यरत प्राध्यापकों की एचटैट व बीएड करने की समय सीमा 31 मार्च 2018 को समाप्त हो रही है। स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन ने इन प्राध्यापकों की समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. केके खंडेलवाल को ज्ञापन देकर अवगत करवाया। इस पर डॉ. खंडेलवाल ने प्राध्यापकों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गठित कमेटी की रिपोर्ट के लिए एक माह का समय मांगा है, जिससे प्राध्यापकों में खुशी की लहर है। श्री सैनी ने बताया कि श्री खंडेलवाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि कमेटी की रिपोर्ट सकारात्मक रहेगी। 
गुरदीप सैनी ने मांगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग में कार्यरत नॉन एचटैट व नॉन बीएड शिक्षकों को 2024 तक का समय बढ़ाया जाए, ताकि उन्हें एचटैट के उचित मौके मिल सके तथा बीएड करने के लिए इन सॢवस रास्ता निकाला जाए। पीजीटी की जगह लैक्चरर बनाम (स्कूल काडर) किया जाए, सभी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में वाइस प्रिङ्क्षसपल का पद सॢजत किया जाए, एक जनवरी 2006 से 18750 का पे स्केल दिया जाए, लैक्चरार से प्राचार्य पदोन्नति हर वर्ष एक निश्चित समय पर की जाए, जो लैक्चरर कालेज कॉडर की योग्यता रखते हों, उन्हें पदोन्नती का अवसर दिया जाए, एसीपी का सरलीकरण किया जाए, कक्षा एक से आठ व नौ से बारह तक दो ही तरह के विद्यालय किए जाए, पैंतीस बच्चों पर सैक्शन निर्धारित किया जाए। कैशलैस मैडीकल पालिसी में उनके आश्रितों को शामिल किया जाए। इसके साथ ही शिक्षकों से केवल शिक्षण कार्य लिया जाए, पुरानी पैंशन स्कीम बहाल की जाए, पुरानी एक्सग्रेसिया स्कीम बहाल की जाए, स्थानांतरण नीति में पूर्व सैनिक लैक्चरर को वरीयता दी जाए। 

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